कई बार घर में अपनी मनपसंद डिश बनी होने पर या रेस्टोरेंट में अपना मनपसंद फूड ऑर्डर करने पर आप ज्यादा खाना खा लेते हैं। जरूरत से ज्यादा खाने के बाद अक्सर पेट में भारीपन और सीने में जलन की समस्या हो जाती है। इसके साथ ही कुछ लोगों को एसिडिटी और बदहजमी भी हो जाती है। अगर आप भी अक्सर इन समस्याओं से जूझते हैं, तो परेशान न हों। पेट में भारीपन और सीने में जलन की समस्या को योगासन के द्वारा 5 मिनट में ठीक किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही 3 योगासन, जो आपको इन समस्याओं से चुटकियों में राहत दिलाते हैं।
भारीपन में मलासन
ज्यादा खाने के बाद अक्सर आपको भारीपन का एहसास होता है। इसके कारण आपके भोजन का ठीक से पाचन नहीं हो पाता है इसलिए आपको आलस और थकान का अनुभव होता है। ऐसे में अगर 5 मिनट मलासन का अभ्यास करें, तो आपको इस समस्या से तुरंत राहत मिल जाएगी। ये आसन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें कब्ज और गैस की समस्या हमेशा बनी रहती है। आइए आपको बताते हैं कि मलासन कैसे करें।
कैसे करें मलासन
- मलासन करने के लिए सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़कर मल त्याग की अवस्था में बैठ जाएं।
- बैठने के बाद अपने दोनों हाथों की बगल को दोनों घुटनों पर टीका दें।
- अब दोनों हाथो की हथेलियों को मिलाकर नमस्कार मुद्रा बनाएं।
- अब धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें, आपको कुछ देर इसी अवस्था में बैठना है।
- अब धीरे-धीरे हांथो को खोलते हुए वापस उठ कर खड़े हो जाए।
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पवनमुक्तासन
यह आसन उदर यानी पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस योग से गैसटिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद आसन है। इस योग की क्रिया द्वारा शरीर से दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है।
कैसे करें पवनमुक्तासन
इस आसन को करने के लिए भूमि पर चटाई बिछा कर पीठ के बल लेट जायें। फिर सांस भर लीजिए। अब किसी भी एक पैर को घुटने से मोडि़ये, दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। फिर सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर जमीन पर सीधा रखें। इस क्रिया के दौरान श्वांस रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पहले की तरह रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें। दोनों पैर एक साथ मोड़कर भी यह आसन किया जा सकता है।
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भुजंगासन
भुजंगासन का नियमित अभ्यास करने से पेट में गैस, कब्ज आदि नहीं होते हैं। इसके अलावा इस आसन से गर्दन, कंधे, मेरुदंड से जुड़ी समस्याएं से भी निजात मिलती है। भुजंग का अर्थ है सर्प, अर्थात इस योगासन में आपकी आकृति सांप के समान हो जाती है।
कैसे करें भुजंगासन
भुजंगासन करने के लिये सबसे पहले मुंह को नीचे की ओर करके पेट के बल लेट जाएं और फिर शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़ दें। इसके बाद हथेलियों को कंधों और कुहनियों के बीच वाली जगह पर जमीन के ऊपर रख लें और नाभि से आगे तक के भाग को धीरे-धीरे सांप के फन की तरह ऊपर उठाएं। अब पैर की उंगलियों को पीछे की तरफ खींचकर रखें, ताकि उंगलियां जमीन को छूने लगें। इस पोजीशन में कुछ देर के लिये रुकें और इसे कम से कम चार बार करें।
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