कामकाजी महिलाओं को स्तन कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। दफ्तर का तनाव, भेदभाव और पूर्वाग्रह के चलते उनके इस बीमारी की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है।
इस अध्ययन में जो बात निकलकर आई है वह कामकाजी महिलाओं के लिए अच्छी नहीं। इसमें कहा गया है कि कामकाजी महिलाओं को अन्य महिलाओं के मुकाबले स्तन कैंसर होने का खतरा 70 फीसदी अधिक होता है। 1970 के दशक में उम्र के 30वें पड़ाव पर रही महिलाओं पर कई दशकों तक किए गए अध्ययन के बाद कार्यस्थल के तनाव और कैंसर के बीच संबंध पाया गया। यह भी देखा गया कि जिन महिलाओं ने जितने अधिक समय तक नौकरी की उनमें उतना ही कैंसर का खतरा बढ़ता गया।
[इसे भी पढ़ें- स्तन कैंसर के लक्षण]
अध्ययन में ऐसी करीब चार हजार महिलाओं को शामिल किया गया था जो 1975 में 36 की उम्र में थीं। ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट में प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। अध्ययन टीम की प्रमुख डा तात्याना पुद्रोवोस्का ने बताया कि जिन महिलाओं ने 1970 के दशक में प्रबंधकीय पेशे में कदम रखा उन्हें समाज में मौजूद सांस्कतिक रवैये के चलते पूर्वाग्रह और भेदभाव का शिकार होना पड़ा। पुरानी रूढियों के अनुसार उस समय यही माना जाता था कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष अधिक बेहतर नेता बनते हैं।
[इसे भी पढ़ें- स्तन कैंसर के दर्द से कैसे निपटें]
उन्होंने कहा कि न तो पुरुष और न ही महिलाएं किसी महिला बॉस के तहत काम करना चाहती हैं क्योंकि महिलाओं को स्वभाव की दष्टि से प्रबंधन पेशे के लिए अयोग्य माना जाता है। उन्होंने कहा कि महिला बॉस को पूर्वाग्रहों, भेदभाव, सामाजिक अलगाव तथा अधीनस्थों, सहकर्मियों और वरिष्ठों की ओर से विरोध का सामना करना पड़ता है।
डा तात्याना ने कहा कि हमारा मानना है कि कामकाजी महिलाओं को आज भी उसी प्रकार के तनाव का सामना करना पड़ता है और इसीलिए बढ़ा हुआ खतरा आज भी बरकरार रहने की आशंका है।
Read More Aricle on Health News in Hindi
इस जानकारी की सटिकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमाईहैल्थ की नहीं है । डिस्क्लेमर:ओन्लीमाईहैल्थ पर उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी मुहैया कराना मात्र है। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है।