जुड़वा बच्‍चों में एक समान रहती है कैंसर की संभावना

क्‍या आप जानते हैं कि जुड़वा बच्‍चे सिर्फ एक जैसे दिखते हीं नहीं बल्कि उनमें होने वाली बीमारियों भी एक जैसी होती है। जीं हां हार्वर्ड के एक शोध के अनुसार, जुड़वा बच्‍चों में से एक को अगर कैंसर हो तो दूसरे में इस बीमारी के होने की संभावना होती है, आइए जानें कैसे।
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जुड़वा बच्‍चों में एक समान रहती है कैंसर की संभावना

जुड़वा बच्‍चे सिर्फ एक जैसे दिखते हीं नहीं बल्कि उनकी आदतें भी लगभग एक जैसी होती है, यह बात तो लगभग हम सभी जानते हैं लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि जुड़वा बच्‍चों को होने वाली बीमारियों भी एक जैसी होती है। जीं हां हार्वर्ड के एक शोध के अनुसार, जुड़वा बच्‍चों में से एक को अगर कैंसर हो तो दूसरे में इस बीमारी के होने की संभावना होती है। यह खतरा सभी तरह के कैंसर के मामले में रहता है, फिर चाहे वह ब्रेस्ट कैंसर और प्रॉस्टेट कैंसर जैसे ज्‍यादा होने वाले कैंसर हो या फिर टेस्टिकुलर कैंसर, गले का कैंसर, त्‍वचा कैंसर, ओवेरियन कैंसर या पेट के कैंसर जैसे कम होने वाले कैंसर।

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शोध के अनुसार

शोध में यह भी पाया गया कि जुड़वां जिनमें दोनों को कैंसर है, ज्यादातर मामलों में दोनों को अलग-अलग तरह का कैंसर हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि कुछ परिवारों में सदस्यों को अलग-अलग तरह के कैंसर हो सकते हैं। हार्वर्ड में एपिडेमिऑलजी के एसोसिएट प्रोफेसर लॉरेलि मुकी ने बताया, 'पहले हुए शोध में कैंसर पीड़ित के परिवार में सामान्य कैंसर के खतरों की बात तो सामने आई थी लेकिन टेस्टिकुलर कैंसर, गले के कैंसर जैसे कम होने वाले कैंसर पर बहुत कम शोध किए गए।'

कैंसर का पारिवारिक खतरा किसी व्यक्ति में कैंसर के खतरे को मापने का एक पैमाना है। इस स्टडी में कैंसर के आनुवांशिक कारणों पर भी विचार किया गया। शोधकर्ताओं ने 200000 जुड़वां लोगों पर
शोध किया, जिसमें एक-से दिखने वाले जुड़वा यानी आइडेंटिकल ट्विन्स और फ्रटर्नल ट्विन्स शामिल रहे। यह शोध 1943 से 2010 के बीच जन्मे लोगों पर किया गया।

कुल मिलाकर, हर तीन में से दो लोगों को कैंसर हुआ। 3,316 जोडो़ं में दोनों को कैंसर डिटेक्ट हुआ। जिनमें कैंसर पाया गया उनमें 38 प्रतिशत आइडेंटिकल ट्विन्स और 26 प्रतिशत पर्सेंट फ्रटर्नल ट्विन्स को एक ही कैंसर पाया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जुड़वा में से एक में जब किसी कैंसर का निदान होता है तो दूसरे को कैंसर का खतरा 37 प्रतिशत रहता है। आइडेंटिकल ट्विन्स के मामले में यह खतरा 46 प्रतिशत तक पाया गया। टेस्टिकुलर कैंसर के मामले में यह खतरा सबसे ज्यादा पाया गया। शोध में पाया गया कि मेल फ्रटर्नल ट्विन्स में एक को कैंसर होने के बाद दूसरे को होने का खतरा 12 गुना ज्यादा रहता है, जबकि आइडेंटिकल ट्विन्स के मामले में यह खतरा 28 गुना ज्यादा होता है।

Image Source : Getty
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