रोज के आहार में तेल बदलते रहना क्यों है जरूरी?

सर्दियों में दिल के मरीजों की मुसीबतें बढ़ जाती हैं, ऐसे में किस तरह का खानपान हो, जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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रोज के आहार में तेल बदलते रहना क्यों है जरूरी?

खानपान के प्रति जागरुक हो रहे इस समाज में आज भी लोग तैलीय और मसालेदार खाने का स्वाद बड़े चाव और इत्मिनान से लेते हैं। तेल के बिना भारतीय व्यंजन अधूरे माने जाते हैं। लिहाजा, तेल के भी कई प्रकार हैं और उनके कई फायदे भी हैं, जो केवल एक ही तेल से नहीं मिल सकते हैं। तेल मोनो सैचुरेटेड और पॉली-अनसैचुरेटेड फैट्स का प्रमुख स्रोत हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी हैं। सही जानकारी के अभाव से देखा जाए, तो कुकिंग ऑयल पकने के दौरान अपना पोषण तत्व खो देते हैं। आजकल बाजार में कई ऐसे तेल के ब्रांड हैं, जो यह दावा करते हैं कि एक ही तेल में सभी गुण मौजूद हैं। हम आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल भी सही नहीं होता है। इसलिए इन ब्रांड की मिलावट से बचने और सेहत को दुरुस्त रखने के लिए रोज खाना बनाते वक्त तेल को बदलें। इस लेख में हम आपको विभिन्न तेल के बारे में और उनसे होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं।

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कैंसररोधी है ऑलिव ऑयल

आजकल ऑलिव ऑयल का प्रयोग अधिक चलन में है। इसमें अनसैचुरेटेड फैट होता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है। इसमें कैंसररोधी तत्व भी होते हैं और यह दिल को भी मजबूत रखता है। लेकिन इसका प्रयोग करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आंच पर पकाने के लिए हमेशा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें, नहीं तो यह नुकसान भी कर सकता है।

मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है नारियल का तेल

नारियल का तेल त्वचा और बालों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता है, बल्कि खाने में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखता है। यह शरीर के लिए नुकसानदेह जीवाणु पैथेजेंस का खात्माकर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मददगार होता है।

दिल दुरुस्त रखेगा कैनोला ऑयल

दिल को स्वस्थ रखने के लिए, जिन भी तत्वों की जरूरत होती है, वह इस तेल में मौजूद हैं। इसीलिए इसे सबसे बेहतरीन कुकिंग ऑयल भी कहा जाता है। इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा दूसरे तेलों की तुलना में कम होती है। साथ ही इसमें ओमेग-3 और ओमेगा-6 भी होता है। कैनोला के पौधों के बीजों को पीसकर यह बनाया जाता है।

आंखों की रोशनी बढ़ाए एवोकाडो ऑयल

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन-ई की जरूरत होती है, जो एवोकाडो के तेल में पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट ल्युटिन भी होता है, जो आंखों के लिए फायदेमंद है। इसे ठंडे और सूखे स्थान पर रखें, नहीं तो यह खराब हो सकता है।

सर्दी से बचाए सरसों का तेल

भारत में सबसे अधिक सरसों के तेल का प्रयोग किया जाता है। इसमें ओमेगा-3 होता है। इसके सेवन से भूख भी अधिक लगती है। यह कोल्ड और फ्लू की संभावना को भी कम करता है। लेकिन घरेलू कुकिंग में सिर्फ सरसों के तेल का प्रयोग खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इसमें यूर्सिक एसिड होता है, जो नुकसानदेह है।

हड्डियों को मजबूत रखता है तिल का तेल

इस प्रकार के तेल का प्रयोग दूसरे तेलों की तुलना में कम किया जाता है, लेकिन इसमें भी पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स होते हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी कम होती है। इसके अलावा इसमें कॉपर, कैल्शियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद हैं, जिससे हड्डियों का पर्याप्त विकास होता है। तनाव और अवसाद से भी यह बचाता है। यह खुशी के लिए जिम्मेदार हार्मोन और एंजाइम को उत्तेजित करता है, जिससे पॉजिटिविटी बढ़ती है।

इसके अलावा कई प्रकार के तेल आप अपने खाने में शामिल कर सकते हैं, जो शरीर से कोलेस्‍ट्रॉल कम करने का काम करते हैं। इसमें राइसब्रान ऑयल, ग्रेपसीड ऑयल आदि शामिल हैं। वहीं, अगर आप वजन बढ़ाने का सोच रहे हैं, तो ऐसे में बादाम का तेल प्रयोग में लाएं। अस्थमा या सांस की दूसरी समस्या है, तो सूरजमुखी का तेल बेस्ट विकल्प है।

 

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News Source- Shutterstock

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