जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, कैंसर का के खतरे में भी बढ़ोत्तरी होती रहती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो कैंसर सेंटर के शोध में यह बात सामने आई कि अधिक उम्र में हमारे शरीर में कोशिका निर्माण कम हो जाता है, इसलिए कैंसर का खतरा और भी ज्यादा हो जाता है।
जर्नल ओन्कोगेन (Oncogene) में प्रकाशित शोध के मुताबिक कैंसर और उम्र में गहरा संबंध है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोरेडो कैंसर सेंटर में शोधकर्ता और मॉलेक्यूलर बॉयोलॉजी के प्रोफेसर जेम्स डेग्रेगोरी (James DeGregori) इस संबंध को तफसील से समझाते हैं।
डेग्रेगोरी ने हमारे शरीर में इनसान अपने जीवन भर इस्तेमाल होने वाली म्यूटेशन्स यानी उत्तराधिकारी कोशिकाओं को जवानी तक पहुंचते-पहुंचते ही जमा कर लेता है। इसके बाद वे म्यूटेशन और बढ़ती ही नहीं। यानी ज्यादा उम्र में कोशिकीय निर्माण नहीं होता और इसलिए कैंसर होने का खतरा भी ज्यादा हो जाता है।
उन्होंने समझाया, ' म्यूटेशन कर्व और कैंसर कर्व में विसंगति होती है।' इसका अर्थ यह है कि अगर कैंसर की बड़ी वजह टिपिंग प्वाइंट है यानी पांच या छह म्यूटेशन्स, तो हमें 20 वर्ष की उम्र के युवा में भी कैंसर होने की आशंका अधिक नजर आएगी, क्योंकि इसी उम्र में म्यूटेशन सबसे ज्यादा होता है।
इतना ही नहीं स्वस्थ कोशिकायें ऑनकोजेनिक म्यूटेशन से भरपूर होती हैं। डेग्रेगोरी का कहना है कि ये म्यूटेशन, अपने से जुड़े कैंसर से कई गुना ज्यादा सामान्य हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो हर बार ज्यादा म्यूटेशन का अर्थ, कैंसर की ज्यादा आशंका नहीं होता।
इसके साथ ही डेग्रेगोरी ने कहा कि मनुष्य के विकास के साथ-साथ हमारे शरीर को भी कोशिकाओं को बीमारियों से बचाये रखने के लिए नये-नये तरीके खोजने पड़े हैं। उन्होंने कहा, '' लेकिन म्यूटेशन से बचने के मामले में हम बैक्टीरिया से बेहतर नहीं हो पाये हैं। आप सोचते होंगे कि अगर म्यूटेशन से बचना कैंसर से बचने की कुंजी था तो, हमें इस मामले में बेहतर परिस्थिति में होना चाहिये था।
डेग्रेगोरी ने कहा कि अधिक उम्र में कैंसर का खतरा इसलिए भी अधिक हो जाता है क्योंकि जवानी में कैंसर से बचाने के लिए जो प्रक्रिया काम करती है, वह इस उम्र तक आते-आते खराब हो जाती है।
ब्रिटेन में 2009 से 2011 तक कैंसर का इलाज करवाने वाले लोगों में करीब 53 फीसदी 50 से 74 वर्ष की आयु के बीच के थे। हालांकि, इस इस आयु वर्ग में 75 वर्ष की आयु से अधिक लोगों की अपेक्षा ज्यादा लोग शामिल हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि ब्रिटेन में इस आयु वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है। इसके साथ ही इस आयु समूह में इलाज करवाने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा अधिक थी।
ब्रिटेन में कैंसर का इलाज करवाने वाले लोगों में से लगभग एक तिहाई यानी करीब 36 फीसदी लोग 75 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के थे। इस आयु वर्ग में अधिक औसत होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि ब्रिटेन में इस आयु वर्ग के लोगों की संख्या भी बहुत कम है।
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