मोबाइल फोन आम आदमी के लिए तकनीक की सबसे बड़ी देन है, क्योंकि इस तकनीक के बिना इंसान खुद को अधूरा समझता है। आज की दिनचर्या का सबसे अहम हिस्सा मोबाइल है। मोबाइल खासकर स्मार्ट फोन का खुमार लोगों पर इतना अधिक चढ़ गया है कि इसके बिना रहना तो अलग-सी बात हो गई है। इससे खुद से दूर रखना भी लोगों को गवारा नहीं होता है। इसी चक्कर में मोबाइल को हम अपनी जेब में ही रखते हैं। लेकिन इससे कई तरह की तरंगे भी निकलती हैं, जो दिल के साथ दिमाग के लिए भी नुकसानदेह है। ऐसे में मोबाइल को शर्ट या टी-शर्ट की जेब में रखना सही है या नहीं। इस आर्टिकल के द्वारा हम आपको बताने जा रहे हैं मोबाइल फोन को पॉकेट में रखने के नुकसान, गौर कीजिए।
शर्ट की जेब में रखने पर...
बोस्टन यूनिवर्सिटी ने मोबाइल को शर्ट की जेब में रखने से होने वाले नुकसान पर शोध किया है। इनके शोध की मानें तो मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में मैग्नेटिक फील्ड होता है। यह कुछ मामलों में नुकसानदेह हो सकता है। लेकिन इसका दिल की धड़कन पर असर नहीं पड़ता है। यानी मोबाइल को शर्ट की जेब में रखने से दिल के कार्यकलाप पर असर नहीं पड़ेगा। हालांकि यह त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है। मोबाइल से निकलने वाला विकिरण दिल के दौरे की संभावना को भी बढ़ाता है। इन विकिरण के नियमित प्रभाव से उच्च रक्तचाप की समस्या होती है और दिल कमजोर होने लगता है।
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ध्यान में रखने वाली बातें
बोस्टन यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध की मानें, तो उन लोगों को अपनी शर्ट की जेब में मोबाइल नहीं रखना चाहिए, जिन्होंने पेसमेकर या इसी तरह के दूसरे उपकरण लगवाएं हैं। मोबाइल से निकलने वाली तरंगे पेसमेकर को प्रभावित कर सकती हैं और इससे पेसमेकर की सेटिंग बदल सकती है, जो आपके दिल के लिए सही नहीं। इससे दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इससे बचने के लिए फोन को कम से कम दिल से 6 इंच की दूरी पर रखें।
अंगों पर असर
शरीर के कुछ अंग ऐसे हैं, जिनकी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। इनके संपर्क में आने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। इनके कारण त्वचा में लालिमा और खुजली भी हो सकती है। इसलिए शर्ट की जेब से मोबाइल को दूर रखने की हिदायत दी जाती है।
कैंसर हो सकता है
पर्यावरण हेल्थ ट्रस्ट न्यूजलेटर में छपी एक महिला की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि एक महिला, जिसकी लाइफस्टाइल हेल्दी होने के बावजूद भी उसे ब्रेस्ट कैंसर हो गया। इसके पीछे ये कारण था कि ये महिला अपने शरीर के अंदरूनी अंगों में मोबाइल रखती थी। दरअसल इससे निकलने वाले रेडिएशन से ऐसा हुआ है। इसलिए मोबाइल को जेब से दूर रखने की हिदायत दी जाती है।
कुछ चौंकाने वाले तथ्य
2009 में एक शोध सामने आया है। इसके अनुसार मोबाइल को पिछले जेब में रखने से कमर का हिस्सा कमजोर हो सकता है। जेब में 15 घंटे या इससे अधिक फोन रखना नुकसानदेह है। क्योंकि मोबाइल लगातार रेडिएशन छोड़ता है। इसके कारण पुरुषों में इंपोटेंसी भी हो सकती है। वहीं, 2015 में इजरायल के एक रिसर्च ग्रुप ने दावा किया कि पिछले तीस सालों में पैरोटिड ग्लैंड में कैंसर की समस्या में भारी इजाफा हुआ है। 2001 के बाद से तो ऐसे कैंसर में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। पैरोटिड ग्लैंड आपके गालों के पास होता है, जहां हम फोन लगा कर घंटों बात करते हैं। मोबाइल फोन के अधिक प्रयोग करने से आंखों की रोशनी कम होती है। इससे नींद भी प्रभावित होती है। युवाओं में अनिद्रा की शिकायत देर रात फोन के प्रयोग के कारण सामने आ रही है। इसमें कीटाणु भी होते हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है।
इसलिए मोबाइल को शरीर के नाजुक अंगों से दूर रखने की कोशिश करें और जरूरत पड़ने पर ही इसका प्रयोग करें।
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