तनाव हमेशा से हमारे जीवन का अंग रहा है। लेकिन, अकसर हम इसके बारे में ध्यान नहीं देते। तनाव से भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक समस्यायें हो सकती हैं। तनाव के कारण हृदय रोग, उच्च रक्तचाप हो सकता है, जो आगे चलकर स्ट्रोक, सीने में दर्द और अनियमित हृदयगति का कारण बन सकता है। हर व्यक्ति तनाव को अलग तरीके से मैनेज करता है। और इसी पर निर्भर करता है कि उसे कोई रोग होगा अथवा नहीं।
तनाव कई कारणों से हो सकता है। इसके पीछे शारीरिक या भावनात्मक बदलाव हो सकते हैं। और कई बार आप इसके साथ तालमेल नहीं बैठा पाते और हमें तनाव होने लगता है। जब व्यक्ति तनाव में होता है तो उसके कई लक्षण परिलक्षित होते हैं। इनमें, चक्कर आना, दर्द और अकड़न, लगातार चिंता, गुस्सा, चिंता या उदासी या फिर अधिक खाना। जब ये परिस्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, तो इससे हमारी रक्तवाहिनियों पर अधिक दबाव पड़ता है और इसी दबाव के कारण स्ट्रोक और हृदयाघात हो सकता है।
जब आपको पता चल जाए कि आप तनाव में हैं, तो आपको इससे पार पाने के तरीके तलाशने चाहिये। आपके खानपान की आदतें बिगड़ जाती हैं। धूम्रपान कम करके या फिर नियमित एक्सरसाइज करके आप तनाव को कम कर सकते हैं।
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तनाव से हृदयाघात का खतरा
हमें मालूम है कि तनाव का हृदयाघात और स्ट्रोक से सीधा संबंध होता है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि तनाव कैसे हृदयाघात और स्ट्रोक की वजह बनता है। आइये जानें कि कैसे तनाव के कारण आपके दिल पर इतना बुरा असर पड़ता है कि आपको हार्ट अटैक हो जाता है।
बंद धमनियां
हृदयाघात तब होता है जब कोरोनेरी धमनी अवरुद्ध हो जाती है। इससे दिल के किसी विशेष हिस्से में रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। रक्त संचार न होने से दिल और उसके उत्तकों को नुकसान पहुंचने लगता है। ऐसा क्यों होता है कि इसका कोई एक कारण नहीं होता। रक्त संचार नहीं होना तनाव के कारण हृदयाघात होने का एक मुख्य कारण है।
रक्त-वाहिनियों को नुकसान
स्ट्रोक उस चिकित्सीय परिस्थिति को कहते हैं जिसमें मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को काफी नुकसान होता है। इसके साथ ही जब शरीर में सिटोकिन्स नामक केमिकल का स्तर बढ़ जाता है, तब भी स्ट्रोक होने का अंदेशा होता है। जब तनाव का स्तर बढ़ता है, इससे सिटोकिन्स का स्तर भी बढ़ जाता है। यह भी एक वजह है कि आखिर तनाव के कारण स्ट्रोक होता है।
रक्त के थक्के जमना
तनाव के स्तर में इजाफा होने से एंड्रालाइन और कोरटिसोल के स्तर में इजाफा होता है। लेकिन तनाव और हृदयाघात में गहरा संबंध होता है। इसके साथ ही तनाव के कारण रक्त के थक्के जमने लगते हैं, इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। और तनाव के कारण हृदयाघात होने का यह भी एक कारण है।
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उच्च रक्तचाप
अधिक तनाव के कारण रक्तचाप भी बढ़ जाता है। और इसके कारण स्ट्रोक होने की आशंका में इजाफा होता है। जैसे ही रक्तचाप बढ़ता है, इससे आपके मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को नुकसान होता है। और इसी के कारण स्ट्रोक हो सकता है।
हार्मोनल असंतुलन
हार्मोन में असंतुलन का एक बड़ा कारण होता है तनाव। इससे आपकी मेटाबॉलिक प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम, जैसे डायबिटीज के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर में इजाफा हो जाता है। और इससे आपको दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक होने की आशंका में बढ़ोत्तरी होती है।
तनाव हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है। व्यायाम, संतुलित आहार, और योग आदि क्रियाओं के जरिये हम अपने तनाव को काबू कर सकते हैं।
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