नेचर यानी प्रकृति हमारा सबसे अच्छा डॉक्टर है और इसकी शरण में जाने से बीमारियों का खात्मा होता है। वर्तमान में सबसे अधिक समस्या तनाव की होती है, अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो कुदरती माहौल में सैर कीजिए। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किये गये शोध में यह बात सामने आयी है कि कुदरत के बीच सैर-सपाटा करने तनाव नहीं होता है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि जो लोग करीब 90 मिनट तक कुदरती माहौल में चलते हैं उनके मस्तिष्क के उस क्षेत्र में गतिविधियां कम हो जाती हैं जिस क्षेत्र का संबंध अवसाद के एक प्रमुख कारणों से होता है।
अगर आप भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों में सैर करते हैं तो यह फायदा नहीं मिल पाता है। इस रिसर्च के सह लेखक ग्रेचेन डेली ने बताया ‘ये नतीजे बताते हैं कि तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रही दुनिया में प्राकृतिक इलाके मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।’ ग्रेचेन डेली स्टैनफोर्ड वुड्स इन्स्टीट्यूट फॉर द एनवायरनमेंट के एक वरिष्ठ फेलो हैं।
एक अनुमान के मुताबिक दुनिया की आधी आबादी शहरों में रह रही है और आने वाले दशकों में यह आंकड़ा बढ़ कर 70 फीसदी होने का अनुमान है।
प्रकृति से अलगाव और शहरीकरण जिस तरह बढ़ रहा है उससे अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं। इस अध्ययन के सह लेखक जेम्स ग्रॉस ने बताया ‘ये नतीजे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये तर्कयुक्त हैं।’
Image Source - Getty
Read More Health News in Hindi