अगर आप सेहतमंद रहने के लिए फलों और सब्जियों का सेवन करते हैं, तो यह खबर आपको चौंका सकती है। एक ताजा अध्ययन में दावा किया है कि फल और सब्जियां फूड पाउजनिंग होने की बड़ी वजह हो सकते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि फूड पॉयजनिंग के 46 फीसदी मामलों के लिए ये उत्पाद उत्तरदायी होते हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अध्ययन में दावा किया गया है कि पालक जैसी पत्तेदार सब्जियां इसकी सबसे बड़ी वजह होती हैं। इस शोध में यह भी दिखाया गया है कि मीट और पॉल्ट्री उत्पाद भी 22 फीसदी फूड पॉयजनिंग के मामलों के जिम्मेदार होते हैं।
अमेरिका आधारित इस अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिका में हर साल बीमार पड़ने वाले छह मरीजों में एक फूड पॉयजनिंग का शिकार होता है। इस बीमारी की बड़ी वजह पत्तेदार सब्जियों को पहले से काटकर उन्हें प्लास्टिक बैग में पैक करना होती है। इन सब्जियों को अधिकतर कच्चा ही खाया जाता है और वहीं दूसरी ओर मीट व अन्य पोल्ट्री उत्पादों को पकाने से फूड पॉयजनिंग पैदा करने वाले अधिकतर जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ जोर्जिया के सेंटर फॉर फूड सेफ्टी के निदेशक डॉक्टर माइकल डॉयल कहते हैं कि इन पौधों में हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि जब आप पालक को धोते हैं, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया समाप्त नहीं होते। उन्होंने कहा कि हरी पत्तेदार सब्जियों से ई. कोलाई, साल्मोनेला, और लिस्टिरिया जैसे बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। ये बैक्टीरिया उन जानवरों की आंतों में पाये जाते हैं।
अगर उन जानवरों का मल उस जमीन अथवा पानी में चला जाए जहां वे सब्जियां उगाई जा रही हैं, तो इसका दुष्प्रभाव उन सब्जियों पर भी पड़ता है। डॉक्टर डॉयल का कहना है कि इस प्रकार के दुष्प्रभावों से बचने का एक ही तरीका है कि ये सब्जियां उगाने वाले किसान इन बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए कुछ न कुछ कर रहे हों। उनका मानना है कि किसानों को इससे बचने के लिए अधिक शक्तिशाली कीटाणुनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए।
डॉक्टर डॉयल का कहना है कि वर्तमान में प्रयोग में लाए जा रहे कीटाणुनाशक इतने प्रभावकारी नहीं हैं कि इन बैक्टीरिया को मार सकें। हालांकि डॉक्टर डॉयल यह भी मानते हैं कि ये मामले अपवाद हो सकते हैं कि क्योंकि हर साल सलाद के लाखों पैकेट बिकते हैं और फूड पॉयजनिंग से बीमार होने वाले मरीजों कां आंकड़ा काफी सीमित है।
डॉक्टर डॉयल की इस बात का समर्थन ब्रिटेन की फूड स्टैंटर्ड एजेंसी के आंकड़े भी करते हैं। जिसमें कहा गया है कि इस बार गर्मियों में भोजन संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के 12 हजार अतिरिक्त मामले देखे गए।
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