विशेषज्ञों के मुताबिक हर महिला जीवन में कभी न कभी यूरिनेरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई का शिकार जरूर होती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई की आशंका ज्यादा होती है। कई मामलों में तो यह भी देखा गया है कि महिलाएं एक बार से अधिक बार भी यूटीआई का शिकार हो जाती हैं। बहरहाल यूटीआई एक बार हो या बार-बार। आपके जरूरी है इससे जुड़ी जरूरी बातें आवश्यकतौर पर जानें। इतना ही नहीं इसके लक्षणों को जानकर इनका सही उपचार करें। यूटीआई से जुड़ी जरूरी बातों पर एक नजर।
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यूटीआई की वजह
यूटीआई होने की असली वजह महिलाओं का साफ न रहना है। वेबएमडी में छपे एक आलेख के मुताबिक महिलाओं को पेशाब के बाद नियमित अपने गुप्तांग की सफाई करनी चाहिए। असल में गुप्तांग बेहद संवेदनशील शारीरिक भाग होने के साथ-साथ बाहरी संक्रमण फैलने का खतरा भी इसमें सबसे ज्यादा होता है। अगर यूरेथरा यानी वह ट्यूब जहां से यूरिन पास होता है, कि अच्छी तरह सफाई न की जाए तो संक्रमण वहां से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच सकता है जो कि यूटीआई के जिम्मेदार होता है।
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यूटीआई के लक्षण
यूटीआई से निजात पाने के लिए महिलाओं को चाहिए कि वे इसके लक्षणों को बेहतर तरीके से समझें और इसके विषय में पूरी जानकारी रखें। यूटीआई होने के पहले लक्षण में शामिल होता है गुप्तांग में जलन। इसके अलावा बार-बार यूरिन आना, जबकि हर बार पेशाब की मात्रा में कमी होती है। लोअर एब्डमन में दर्द होना है या किसी तरह का दबाव महसूस करना। यही नहीं यूटीआई होने पर महिला को हमेशा थकान महसूस होती है और कई स्थिति में जब संक्रमण बुरी स्थिति में पहुंच जाता है तो महिला को बुखार भी हो जाता है। असल में यूटीआई होने पर बुखार आने का मतलब है कि संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है।
यूटीआई से संबंधित टेस्ट
अगर आपको उपरोक्त कोई भी लक्षण खुद में देखने को मिले तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। विशेषज्ञ आपको यूटीआई टेस्ट के बोलते हैं, जिसके तहत वह आपके यूरिन सैंपल मांगते हैं।
यूटीआई का ट्रीटमेंट
वैसे यूटीआई से संबंधित ट्रीटमेंट के तहत आपको विशेषज्ञों से संपर्क करने के बाद ही दवा लेनी चाहिए। इसके लिए डाक्टर कुछ एंटीबायोटिक दवा देते हैं जो कि यूटीआई में कारगर होते हैं। कई स्थिति में वे लो डोज एंटीबायोटिक देते हैं, जो लंबे समय तक चलती है। ऐसी दवा तब दी जाती है जब महिला विशेष को बार-बार यूटीआई होता है। बहरहाल इसके अलावा पीड़ित महिला को चाहिए वे नियमित डाक्टर के कहे मुताबिक दवा खाए और पानी ज्यादा से पिए। असल में पानी पीने से बैक्टीरिया के बाहर निकलने की संभावना ज्यादा रहती है। एक बात और हमेशा ध्यान रखें कि पेशाब के बाद अपने गुप्तांग की अच्छी तरह सफाई करें।
यही नहीं सेक्स बाद भी सफाई बहुत जरूरी होती हैं क्योंकि कई मामलों में सेक्स के बाद भी यूटीआई होने की आशंका में इजाफा हो जाता है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि अपने गुप्तांग को हमेशा सूखा रखें। दरअसल गीले होने के कारण भी बैक्टीरिया होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा अपने बाथरूम को साफ रखें, गुप्तांग की सफाई के लिए अच्छे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो इस संबंध में भी डाक्टर की सलाह ले सकती हैं।
गर्भावस्था में यूटीआई
मार्च आफ डाइम्स के मुताबिक गर्भवती में 10 फीसदी महिलाओं में यूटीआई होने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि विशेषज्ञ अच्छी बात ये बताते हैं कि जितनी जल्दी यूटीआई का पता चलता है, उतनी ही आसानी से इसका इलाज संभव हो पाता है। खासकर पहली तिमाही में इसका पता चल जाए, तो मरीज को आसानी से यूटीआई से छुटकारा मिल सकता है। शिकागो स्थिति नार्थ वेस्टर्न मेमोरियल अस्पताल की एमडी डाना गोसेट के अनुसार, ‘अगर गर्भवती महिला को समय रहते यूटीआई के लक्षणों का पता न चले तो स्थिति बद से बदतर हो सकती है यानी संक्रमण किडनी तक फैल सकता है जो कि मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए खतरनाक है।’
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