एक मां अपने बच्चे को कभी भी अपने नजरों से दूर नहीं करना चाहती है। और अगर कोई स्त्री नई-नई मां बनी है तब तो अपने बच्चे में ही उसकी जान बसती है। डिलीवरी के बाद बहुत सी मांएं अपने बच्चे को अपने साथ ही सुलाना पसंद करती हैं। कई लोग मानते हैं कि ये मां और बच्चे दोनों के लिए अच्छा होता है। अगर आप अपने बच्चे को अपने साथ ही सुलाना पसंद करती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन इसके लिए आपको कुछ विशेष बातों का खयाल रखना पड़ता है। दरअसल शिशु की जरूरतें आपसे बहुत अलग होती हैं इसलिए आपको इन बातों का खयाल रखना चाहिए।
सही मैट्रेस या बेड का चुनाव
अगर आप अपने शिशु को अपने साथ सुलाना चाहती हैं तो इसके लिए सही बेड का चुनाव जरूरी है। शुरुआती दिनों में शिशु का विकास तेजी से होता है इसलिए उसके शरीर को सही पोजीशन में रखना जरूरी है। शिशु को सुलाने से पहले देख लें कि आपका मैट्रेस या बिस्तर ठोस हो, जिससे शिशु का शरीर सोते समय सीधा रहे। इसके अलावा देख लें कि दो मैट्रेस के बीच कहीं गैप तो नहीं है क्योंकि इसके कारण शिशु के हाथ-पैर फंस सकते हैं या शिशु को लेटने में परेशानी हो सकती है। शिशु को हमेशा उस दिशा में सुलाएं जिधर से उसके लुढ़कने या गिरने की कोई संभावना न हो। शिशु के साथ कभी भी आर्म चेयर या सोफे पर न सोएं।
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कमरे का तापमान
शिशु के शरीर और आपके शरीर के लिए तापमान की जरूरत अलग-अलग हो सकती है। इसलिए ध्यान दें कि अगर आप शिशु को अपने साथ सुला रही हैं, तो उसके शरीर की जरूरतों का खयाल रखें और उसी अनुसार कमरे का तापमान रखें। गर्मियों में अगर आप एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं तो कमरे का तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सयस तक ही रखें। इससे कम तापमान शिशु की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है। गर्मियों में शिशु को हल्के कपड़े पहनाएं और सर्दियों में थोड़े ज्यादा कपड़े पहनाएं। सर्दियों में अगर रूम हीटर लगा रहे हैं तो शिशु के कपड़े कुछ कम कर दें।
तकिया न लगाएं
आपको तकिया की जरूरत हो सकती है मगर आपके शिशु के लिए तकिया की जरूरत नहीं है। अगर जरूरी हो तो अपने चिकित्सक की सलाह लेकर घोड़े के नाल के आकार वाली तकिया या राई से भरी हुई फोम वाली मुलायम तकिया का ही इस्तेमाल करें।
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सही बिस्तर का चुनाव
शिशु के लिए सही बिस्तर का चुनाव जरूरी है। शिशु का बिस्तर ठोस हो मगर उसपर चादर मुलायम होनी चाहिए। इसके अलावा शिशु के लिए उसके आकार के अनुसार छोटी चादरों और कंबलों का प्रयोग करें। वयस्कों के कंबल और चादर में शिशु को उलझन होगी और भारी होने के कारण शिशु अपनी जरूरत के अनुसार करवट नहीं ले पाएगा। इसके अलावा ध्यान दें कि कभी भी चादर, तकिया, कंबल या रजाई से शिशु का मुंह न ढक जाए, क्योंकि इससे शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
बहुत छोटे शिशु के लिए अलग बिस्तर
अगर आपका शिशु 6 महीने से छोटा है तो उसे अपने बिस्तर पर सुलाने से उसे कई खतरे हो सकते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 6 माह से कम के शिशु को अपने बेड पर सुलाने के बजाय विशेष पालने या कॉट पर सुलाएं, जो शिशु के लिए बनाए जाते हैं। इसके अलावा ध्यान दें कि अगर आपके पति शराब पीते हैं तो शिशु को उनके आसपास नहीं सुलाना चाहिए। इसी तरह आप और आपके पति में से कोई एक या दोनों अगर कमरे में धूम्रपान करता है तो भी शिशु को अपने पास सुलाना उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
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