मधुमेह और तनाव में बहुत हीं गहरा सम्बन्ध होता है। तनाव से मधुमेह का भी जन्म होता है एवं जो लोग पहले से हीं मधुमेह के मरीज हैं, तनाव से उनकी स्थिति और बिगड़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तनाव से रक्त शर्करा का स्तर यानि ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है।
तनाव यानि टेंशन या स्ट्रेस स्वस्थ व्यक्ति को जब बीमार कर सकता है एवं उसे लीवर, जिगर, मस्तिष्क इत्यादि का रोग दे सकता है तो मधुमह के मरीजों का तो कहना हीं क्या। मधुमेह के मरीज चाहे जितनी भी दवाइयां खाते रहे, स्ट्रेस उनके सारे किये कराये पर पानी फेर देता है। इसलिए हर व्यक्ति को स्ट्रेस से बचना चाहिए लेकिन अगर आप मधुमेह के मरीज हैं तो आपका स्ट्रेस यानि तनाव से दूर रहना अनिवार्य हो जाता है।
आइये हम जानें की मधुमेह के मरीज तनाव से कैसे बच सकते हैं।
कृत्रिम तनाव
कृत्रिम तनाव वह होता है जिसमें इंसान बेवजह घबराता रहता है। मसलन बारिश के मौसम में कुछ लोग बाहर निकलते हैं तो हमेशा इस बात से डरते रहते है कि कहीं उनपर बिजली न गिर जाये। इस डर से इन्सान का स्ट्रेस लेवल बढ़ता है। अगर आप मधुमेह के मरीज हैं और इस प्रकार का डर आपके मन में आता हो तो उसे झटक दिया करें और कितना भी झटकने पर ये डर न जाये तो किसी मनोचिकित्सक से मिलें।
स्व-उपजित तनाव
स्व-उपजित तनाव वह होता है जिसे इंसान खुद पैदा करता है। आपने महसूस किया होगा कि छुट्टियों के लिए जब हफ़्तों या महीनो के लिए स्कूल बंद होता है तो बच्चे अंतिम दिनों के लिए सारा होम वर्क छोड़ देते है और स्कूल खूलने के एकाध दिन पहले होम वर्क करने के लिए पूरी तरह से तनावग्रस्त हो जाते हैं। बचपन का यह तनाव शारीरिक विकार के रूप में उभरकर सामने नहीं आता इसलिए लोगों को यह दिखता नहीं लेकिन ऐसा तनाव जब बड़े पैदा करते हैं या मधुमेह के मरीज उत्पन्न करते हैं तो इसका कुप्रभाव अवश्य देखने को मिलता है। बिजली का बिल या टेलीफोन बिल या किसी प्रकार कि किस्त समय पर न भरा जाये और अगर बिल भरने कि अंतिम तारीख एकदम सर पर आ जाये तो यह स्व उपजित तनाव होता है जो शरीर पर बहुत बुरा असर डालती है।
इस प्रकार का तनाव कम किया जा सकता है या इस तरह के तनाव से पूरी तरह से बचा जा सकता है अगर आप हर काम समय पर या समय से पहले हीं कर लिया करें मसलन समय पर बिजली बिल, टेलीफोन बिल इत्यादि भर दें; समय पर किस्तें या ई एम् आई भर दें या समय पर अपने ऑफिस पहुँच जाएँ। अगर कोई व्यक्ति ऑफिस पहुचने में लेट हो रहा हो तो उसे तनाव तो होगा हीं। ऐसे व्यक्ति को चाहिए कि वह ट्रेफिक जाम, बस मिलने में देरी होना, ऑटो मिलने में देरी होना इत्यादि को ध्यान में रखते हुए घर से थोड़ा और पहले हीं काम पर निकले।
भरपूर नींद लें: टेशन से बचना है या स्ट्रेस को कम करना है तो पर्याप्त नींद लें। ऐसा देखा गया है कि जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते या जिनकी नींद पूरी नहीं होती वे बेवजह तनाव में रहते हैं।
व्यायाम करें: व्यायाम करने से तनाव कम होता है। एक तरह से स्ट्रेस को कम करने का यह अचूक उपाय है। मधुमेह के मरीजों को व्यायाम करने से दोहरा लाभ मिलता है क्योकि स्ट्रेस को कम करने के साथ साथ यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करता है।
मेडीटेशन एवं योग करें: मेडीटेशन करने से भी तनाव कम होता है। इससे आपको भरपूर मात्रा में ओक्सिजन मिलती है। योग भी तनाव को कम करने का अचूक उपाय है। अगर आप कठोर व्यायाम कर पाने की स्थिति में नहीं हैं तो योग किया करें। इससे आपका ब्लड शुगर भी कम होगा एवं तनाव भी।
संगीत (म्यूजिक) सुनें: म्यूजिक स्ट्रेस को कम करने में अहम् भूमिका निभाता है। लेकिन इसके लिए जरुरी है कि आप अपने पसंद का म्यूजिक सुनें न कि दूसरों के पसंद की।
अनियंत्रित तनाव यानि जिनपर इंसान का वश नहीं होता, उसके बारे में चिंता न करके जो होता है उसका सामना करें एवं समयनुसार काम करें। बाढ़ आना, भूकंप आना, इत्यादि इन्सान के वश में नहीं होता। इन बातों से डरे नहीं एवं ऐसा कुछ हो जाये तो परिस्थिति अनुसार खुद को ढालें।