Articles By लक्ष्मण सिंह
ज़ख्मों और घावों की आयुर्वेदिक चिकित्सा
किसी चोट के कारण जब त्वचा फट जाती है या पंचर हो जाती है, तो त्वचा पर एक घाव हो जाता है जिसे खुला घाव कहते हैं।. किसी मानसिक आघात या सदमे के कारण जब कोई चोट पहुँचती है तो अंदरूनी घाव होता है जिसे बंद घाव के नाम से जाना जाता है।
हिचकियां करें परेशान तो आजमायें ये आयुर्वेदिक उपचार
जब अंदर जाती हुई हवा आपके कंठ से टकराती है तो हिचकी के रूप में आवाज़ निकलती है। जल्दी जल्दी खाना खाना, या घबराहट के कारण भी हिचकियाँ होती हैं। आम तौर से हिचकियाँ कुछ मिनटों तक रहती हैं, पर कभी कभी कई हफ़्तों तक जारी रह सकती हैं।
फोड़ा शरीर के किसी भी निर्धारित स्थान पर, जीवाणु या किसी ज़ख्म की वजह से संक्रमण की प्रक्रिया के कारण त्वचा के टिश्यु द्वारा रचे गए और सूजन से घिरे हुए छिद्र में पस का जमाव होता है।
आयुर्वेदक चिकित्सा दिलाएगी सिर के जुओं से निजात
जुएँ बहुत ही महीन, पंख रहित कीड़े होते हैं जो सिर में आसानी से नज़र नहीं आते। वे भूरे और स्लेटी रंग की होती हैं और हर जूँ की लम्बाई चौड़ाई एक तिल से ज़्यादा नहीं होती।
गर्भावस्था के दौरान वज़न कैसे घटाएं
हालांकि गर्भावस्था वज़न बढाने का एक बहुत ही अच्छा मौका माना जाता है, लेकिन फिर भी गर्भावस्था के दौरान आवश्यकता से अधिक वज़न बढ़ाना मतलब स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को न्योता देना होता है।
गर्भधारण से पहले जानें इन सवालों के जवाब
अगर आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो गर्भधारण से पहले दिमाग में आने वाले इन सवालों और इनके जवाबों को जरूर जानें।
मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है। लेकिन अगर इसका मरीज अपना पूरा ख्याल रखे और व्यायाम करने के साथ साथ उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करे तो इस रोग पर काबू पाया जा सकता है और इस रोग से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
गर्भधारण न कर पाने की समस्या की कई अलग वजहें हो सकती हैं। इस लेख को पढ़ें और गर्भधारण न कर पाने की समस्या के बारे में जानें।
गठिया रोग के उपचार के लिये घरेलू उपचार
गठिया रोग दो विभागों में बांटा जा सकता है, उत्तेजक व अपकर्षक। पर गठिया रोग किसी भी तरह का हो, इसका उपचार आहार और सही उपचार की मदद से ही हो सकता है। गठिया रोग के कुछ कुदरती उपचार भी होते हैं।
गर्भाकालीन मधुमेह से कैसे निपटें
जिन महिलाओं की उम्र 35 वर्ष से अधिक है या उनका वजन ज्यादा है या उनका कोई पारिवारिक इतिहास है तो ऐसी महिलाओं को अपनी गर्भावधि मधुमेह की जांच समय से पहली करानी चाहिए।