हालांकि गर्भावस्था वजन बढाने का एक बहुत ही अच्छा मौका माना जाता है, लेकिन फिर भी गर्भावस्था के दौरान आवश्यकता से अधिक वजन बढ़ाना मतलब स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को न्योता देना होता है।
अगर गर्भावस्था के दौरान आप अपना वजन कम करने की जल्दी में हैं तो डायटिंग और ऊट पटांग कसरतें और वर्जिशें कोई सही तरीका नहीं हैं। सच पूछें तो इससे न सिर्फ आपको बल्कि आपके पेट में पल रहे बच्चे को भी हानि पहुंच सकती है। नीचे दिए गए हैं कुछ सुझाव जो आपको न सिर्फ अतिरिक्त वजन न बढाने में सहायता करेंगे बल्कि आपके आवश्यकता से अधिक वजन घटाने में भी मदद करेंगे।
गर्भावस्था के दौरान वजन घटाने के उपाय
- आहार विशेषज्ञ से मिलें। वे आपको सलाह देंगे कि आपको गर्भावस्था में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
- जितना हो सके चलने का प्रयास करें, और ऐसी गतिविधियों में शामिल हों जो अधिक से अधिक समय आपको अपने पैरों पर रखे।
- फलों और सब्जियों का सेवन अधिक करें: ताज़े फल और सब्जियां न सिर्फ पूर्ण आहार माने जाते हैं बल्कि वे पोषक भी होते हैं। इन्हें आप कच्चा या पकाकर सेवन कर सकती हैं।
- सिके हुए खान पान नहीं बल्कि होल ग्रेन का सेवन करें: ब्राउन और बासमती चावल, जाई, फाफरा, जौ होल ग्रेन के कुछ उदहारण हैं।
- पानी और बिना चर्बी के दूध का सेवन करें: पानी और बिना चर्बी का दूध बेहतरीन पेय पदार्थ हैं। चाय और कॉफ़ी में कैफीन का समावेश होता है जो आपके सेहत पर प्रतिकूल असर कर सकता है। ये वजन भी बढ़ाते हैं साथ हीं साथ ये आपके बच्चे को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
- संसाधित आहार के सेवन से बचें: संसाधित आहार में कैलोरी और सोडियम अधिक मात्रा में होते हैं। ज्यादा कैलोरी चर्बी के रूप में परिवर्तित हो जाता है जिससे आपका वजन बढ़ता है और शरीर थुलथुल हो जाता है। इस अवस्था में घर पर पकाया हुआ खाना ही लाभप्रद होता है।
- आलू और ब्रेड वजन को बढाते नहीं जब तक आप उनपर मक्खन लगाकर न खाएं।
- मदिरा के सेवन से बचें, क्योंकि ये मां और भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
- अधिक से अधिक पानी पीने का प्रयास करें।
- खाने की लालसा को नियंत्रण में रखें। गर्भवती महिलाओं में यह एक सामान्य बात होती है कि बीच रात में उन्हें आइस-क्रीम, चॉकलेट वगैरह खाने की लालसा होती है। लेकिन आपको इन लालसाओं को नियंत्रण में रखना आवश्यक होता है। कुछ ऐसे खान पान भी होते हैं जो आपकी लालसा को काबू में रख सकते हैं।
- आम धारणा के विपरीत, व्यायाम से गर्भवती महिला को लाभ ही मिलता है। कम से कम 15-20 मिनट तक व्यायाम करना आवश्यक होता है। सही व्यायाम के लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।
- एक व्यायाम जिसकी सलाह चिकित्सक देते हैं, वो है स्विमिंग यानी तैराकी। इससे आपके शरीर में प्रफुल्लता आती है, जो आपको काफी हद तक राहत दिलाती है। उसके अलावा स्विमिंग आपके रक्तसंचार में सुधार लाती है। फिर भी सबसे सरल और कारगर व्यायाम है पैदल चलना। गर्भवती महिला को सप्ताह में कम से कम तीन दिनों में तीन मील पैदल चलना चाहिए। लेकिन एक हीं बार में ज्यादा चलने से बेहतर हैं कि रोजाना 20-30 मिनट पैदल चला करें।
अगर आपका वजन आवश्यकता से अधिक है तो गर्भावस्था के दौरान आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था में आपको गर्भपात हो सकता है, बच्चा मृत पैदा हो सकता है, उच्च रक्तचाप की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, और प्रसव के समय मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
इसलिए समझदारी इसी में है कि गर्भावस्था में न तो अपना वजन जरुरत से ज्यादा बढ़ने दें न हीं आवश्यकता से कम होने दें।
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