आधुनिक जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण लोगों में तनाव बढ़ रहा है। इसी कारण से लोगों को कम उम्र में ही कई दिमागी बीमारियां घेर रही हैं। इन बीमारियों में माइग्रेन की समस्या आम है। माइग्रेन के कारण सिर के आधे हिस्से में तेज दर्द होता है। इससे हमारे रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं। समय से इलाज न करने और लगातार नजरअंदाज करने से ये बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इस दौरान माइग्रेन रोगी को चिकित्सा के साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। माइग्रेन में होने वाला दर्द सुबह और शाम के समय अपने चरम पर होता है। इसमें आंखों की रोशनी पर भी विपरीत असर पड़ता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं माइग्रेन से ज्यादा ग्रस्त रहती हैं। महिलाओं में यह समस्या माहवारी के समय ज्यादा होती है। आमतौर पर इसका दर्द सिर में एक तरफ होता है, लेकिन कई बार यह दोनों तरफ भी हो जाता है। इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं माइग्रेन क्या कारण हैं और इसके रोगी को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
माइग्रेन का कारण
माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण तनाव को बताया गया है। जो व्यक्ति या महिलाएं ज्यादा तनाव लेते हैं, उनमें माइग्रेन की समस्या ज्यादा पाई जाती है। इसके अलावा माइग्रेन के लिए अल्कोहल का सेवन, मौसम में बदलाव, आहार में परिवर्तन और कम नींद लेना भी जिम्मेदार है। माइग्रेन में निम्नलिखित चीजों का आपको खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए।
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दवाओं का सेवन
माइग्रेन की समस्या होने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। साथ ही यदि आप डॉक्टर के परामर्श के मुताबिक प्रतिदिन व्यायाम, योग और मेडिटेशन भी करें तो बेहतर रहेगा।
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मौसम बदलने पर हिफाजत
माइग्रेन का कारण मौसम में बदलाव भी होता है। इसलिए मौसम में होने वाले बदलाव से आपको अपनी हिफाजत करनी चाहिए। साथ ही घर से निकलते समय छाता लेकर निकलें, ताकि सूरज की सीधी रोशनी से बच सकें।
पर्याप्त नींद जरूरी
जिस व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या है, उसे पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए। नींद लेने से माइग्रेन में आराम मिलता है। अच्छी नींद लेने में योग, मेडिटेशन और मार्निंग वॉक भी सहायक होती है।
सिर को ठंडक दें
सिर को ठंडक देने से माइग्रेन में राहत मिलती है। ठंडक के लिए आप माथे पर बर्फ या ठंडे पानी की पट्टी रख सकते हैं। साथ ही सिर में मेहंदी लगाना भी फायदेमंद रहता है। ऐसा करने से रक्त धमनियां फैलकर अपनी पूर्व स्थिति में आ जाती हैं।
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फलों का सेवन करें
इस दौरान मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। हरे पत्तेदार सब्जियों के साथ ही फलों का जूस भी माइग्रेन में राहत देता है। रात के खाने में सलाद का सेवन ज्यादा करें और सोते समय त्रिफला व आंवले के चूर्ण का गुनगुने पानी से सेवन करें।
आंखों पर जोर देने से बचें
माइग्रेन की समस्या होने पर रोगी को अपनी आंखों पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से समस्या बढ़ सकती है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आपके सोने वाले कमरे में ज्यादा रोशनी नहीं आनी चाहिए। सूरज की किरणों से भी आपको बचना चाहिए।
उपरोक्त बताई गई बातों के अलावा माइग्रेन रोगी को डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए। और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित सेवन करना चाहिए। दवाओं के सेवन में लापरवाही करने से आप माइग्रेन से लंबे समय तक परेशान रह सकते हैं।
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