बड़े बुजुर्ग अक्सर छोटी-मोटी बीमारियों में दवा खाने से परहेज करने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि शरीर स्वयं इन बीमारियों से निपटने में सक्षम है। और ऐसे में दवा न ही खायी जाए, तो बेहतर। लेकिन, कोई अगर आपको इसी नुस्खे को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर आजमाने को कहे तो। बेशक आप उससे सहमत नहीं होंगे। लेकिन, जल्द ही ऐसा होता सम्भव नजर आ रहा है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जतायी है कि कैंसर के इलाज में शरीर की कुदरती रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मददगार साबित हो सकती है।
क्या शरीर की कुदरती प्रतिरोधक क्षमता कैंसर को हरा सकती है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा सम्भव है। ब्रिटिश कंपनी इम्युनोकोर के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि वे शरीर की कुदरती प्रतिरोधक क्षमता से कैंसर का इलाज करने की विधि हासिल करने के काफी करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने ट्यूमर कोशिकाओं के खिलाफ शरीर की उन कोशिकाओं का इस्तेमाल करने का तरीका खोज निकाला है, जिनमें कुदरती तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है।
इन कोशिकाओं को टी-कोशिकायें कहा जाता है। ये विषाणुओं और कीटाणुओं को नष्ट करने में सक्षम होती हैं। ये कोशिकायें शरीर पर हमला करने वाले विषाणुओं और कीटाणुओं को ढूंढ कर उन्हें मार डालती हैं। कंपनी के प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी बेंट जैकबसन ने बताया, इम्युनोथेरैपी एकदम अलग चीज है। यह किसी भी तरह के कैंसर के उपचार के अन्य तरीकों को खारिज नहीं करती। लेकिन यह उपचार के तरीकों को और अधिक मजबूती प्रदान करती है। बहुत सम्भव है कि इसमें वास्तव में कैंसर का उपचार करने की क्षमता हो।
Read More Health News In Hindi
Read Next
कलाई पर बांधिये सेहत का रखवाला
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version