शहद हमेशा से हमारी आम जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा रहा है। सदियों से इसका इस्तेमाल रसोई में या घरेलू उपचार के रूप में होता रहा है। माना जाता है कि शहद का औषधि रूप में उपयोग तकरीबन 4000 साल पहले से हो रहा है। बहरहाल हाल फिलहाल में एक शोध सर्वेक्षण ने इस बात को और पुष्ट तौर पर साबित किया है कि शहद हमारे जीवन के लिए अत्यंत लाभदायक है। असल में हाल ही में ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है कि शहद अंधेपन से भी बचा सकता है। यही नहीं खतरनाक किस्म के इन्फेक्शन से भी शहद बचाने में मददगार है जो मनुष्य की जान तक ले सकता है।
अंधेपन से कैसे बचाता है
शोध में यह पाया गया है कि सर्जीहनी में एक ताकतवर कड़ी होती है। यह कड़ी अंधेपन यहां तक कि मृत्यु के लिए जिम्मेदार फंगस से बचाव करती है। सवाल उठता है कि सर्जीहनी क्या है? सर्जीहनी, शहद का एक किस्म का औषधिय प्रकार है और यही फ्यूजेरियम के विनाश के लिए दायित्व है।
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इन्फेक्शन को दूर करता है
शहद हमें इन्फेक्शन से भी दूर रखता है। विशेषज्ञों का दावा है कि जो इन्फेक्शन दीर्घकालीन हैं यानी जिनके ठीक होने के कोई आसार नजर नहीं आते, ऐसी बीमारियों से भी शहद की मदद से पार पाया जा सकता है। दरअसल शहद उस जीवाणु विशेष पर आक्रमण करता है जो कि इन्फेक्शन को बढ़ाने में सहायक होता है। नतीजतन इन्फेक्शन आसानी से दूर हो जाता है।
उपचार की तीव्र गति
शहद उस बायो-फिल्म को भी तोड़ने में सहायक है जो इन्फेक्शन को तेजी से ठीक नहीं होने देते। कहने का मतलब है कि बायो फिल्म माइक्रो आर्गेनिज्म की एक किस्म की परत होती है जो उपचार को बेहद धीमा कर देता है। जबकि शहद के सेवन से उपचार की गति में फर्क पड़ता है। यही नहीं शोधकर्ता इस बात का भी दावा करते हैं कि शहद तमाम एंटीफंगल से भी बेहतर उपचार करने में सक्षम है।
शरीर को मजबूत बनाता है
शहद का सेवन लाभदायक एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या तो बढ़ाता ही है साथ ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है। यही नहीं शहद सूक्ष्मजीवों से भी लड़ता है। विशेषज्ञ यहां तक दावा करते हैं कि शहद लगाने के एक सप्ताह के भीतर संक्रमित जख्म जीवाणुरहित हो जाते हैं। पारंपरिक चिकित्सा में, शहद के एक लाभ में श्वास संबंधी संक्रमणों का उपचार भी शामिल है।
जीवाणुओं को नष्ट करता है
क्लीनिकल रिसर्च से साबित हुआ है कि मेडिकल ग्रेड शहद भोजन से पैदा होने वाले जीवाणुओं जैसे इशटीशिया कोली और सेलमोनेला को नष्ट कर सकता है। शहद उन बैक्टीरिया से लड़ने में भी सहायक सिद्ध हुआ है, जिन पर एंटीबायोटिक्स असर नहीं कर पाते। शहद कई स्तरों पर संक्रमण से लड़ता है।