
आजकल हुक्का बार काफी पॉपुलर हैं। यंगस्टर्स हुक्के के कश लेते हुए आपको दिख जाएंगे। जी हां आज लोग सिगरेट के मुकाबले हुक्का पीना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनको लगता है कि हुक्का पीना सिगरेट पीने के मुकाबले बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता। अगर आपकी सोच भी यहीं है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि हुक्का पीना सिगरेट पीने जितना ही हानिकारक होता है।
तम्बाकू के हानिकारक प्रभाव
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में, तंबाकू की खपत के कारण हर साल लगभग 6 मिलियन लोग मरते हैं और लगभग 163.7 लाख उपयोगकर्ता तंबाकू के धुएं विहीन रूपों का उपभोग करते हैं। हमारे देश को तंबाकू और तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता माना जाता है। हालांकि स्वास्थ्य पर तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों को साबित करने के लिए पर्याप्त शोध हुए है, फिर भी इसकी खपत में वृद्धि जारी है, खासकर युवा पीढ़ी में।
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आंकड़े बताते हैं कि हर साल तंबाकू की खपत के कारण मरने वालों की संख्या तपेदिक, एचआईवी-एड्स और मलेरिया के मुकाबले ज्यादा है। किसी भी प्रकार के तम्बाकू में निकोटीन के साथ 30 से अधिक कैंसर होने वाले पदार्थ होते हैं जिससे शरीर को अपूरणीय क्षति हो सकती है। तंबाकू को लंबे समय तक चबाने और तंबाकू आधारित उत्पादों के उपयोग से कैंसर के विभिन्न रूपों का खतरा बढ़ जाता है।
इस बारे में बताते हुए, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पड़पड़गगंज, नई दिल्ली के एसोसिएट डायरेक्टर और हेड कार्डियाक कैथ लैब के डॉक्टर मनोज कुमार ने कहा, "धुआं-रहित तंबाकू और हुक्का दिल को कई तरीकों से प्रभावित करता है। कार्बन मोनोऑक्साइड का उच्च स्तर अंदर जाकर शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वाले ब्लड की क्षमता को कम करता है जिससे शरीर में घूमने वाले ऑक्सीजन की मात्रा में गिरावट हो जाती है। इस प्रकार बड़ा हुआ ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट, हृदय प्रणाली पर असर करते हैं। इस तरह तंबाकू की लत से ग्रस्त लोग कार्डियक अरेस्ट, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, रक्तस्राव, ब्लड क्लॉट और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा रहता हैं।
हुक्का के नुकसान
तंबाकू का कोई भी रूप सुरक्षित नहीं है। धुआं-रहित तंबाकू और हुक्का, तंबाकू के दो अन्य रूप, दिल के लिए समान रूप से हानिकारक हैं। तंबाकू के जिन रूपों को जलाया नहीं जाता है, उन्हें स्मोकलेस कहा जाता है। दूसरी ओर हुक्का फ्रूट-फ्लेवर तम्बाकू का एक रूप है, जो फॉयल के साथ कोयले में भुना जाता है और पाइप के माध्यम से पानी के जरिये लिया जाता है। फिर इसे धीरे-धीरे इन्हेल किया जाता है।
इस बात पर, कैलाश अस्पताल और हार्ट इंस्टीट्यूट, नोएडा के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर संतोष कुमार अग्रवाल ने कहा, "सभी प्रकार के तम्बाकू धूम्रपान करने वालों और गैर धूम्रपान करने वालों के लिए खतरनाक होते हैं। तंबाकू में मौजूद निकोटीन, लोगों को इसका आदी बना देता है। चाहे आप धूम्रपान करें या इसे चबा रहे हों, तंबाकू रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, अस्थायी रूप से रक्तचाप को बढ़ाता है, और व्यायाम सहिष्णुता कम कर देता है। यह ब्लड की ऑक्सीजन क्षमता को भी कम करता है और खून के थक्के को बढ़ाता है। धमनियों में रक्त के थक्कों का कारण दिल की समस्याएं होती है, जो अंततः स्ट्रोक या अचानक मृत्यु का परिणाम है। "
इस घातक आदत को छोड़ने के उपाय
- शार्ट-एक्टिंग निकोटीन रिेप्लेसमेंट थेरेपी जैसे निकोटिन गम, लोजेंज, नेजल स्प्रे, या इनहेलर्स को करने की कोशिश करें। यह तीव्र इच्छाओं को दूर करने में मदद करता है।
- ट्रिगर स्थिति को पहचानें, जिससे आप स्मोकिंग करते हैं, इनसे बचने की योजना बनाएं।
- शुगरलेस गम या हार्ड कैंडी को चबाएं, या तंबाकू की बजाय कच्चे गाजर, अजवाइन, नट या सूरजमुखी के बीज को चबाने की आदत डालें।
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, इसके लिए छोटी-छोटी फिजीकल एक्सरसाइज करें। कुछ समय में तंबाकू की लत कम हो जाएगी।
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Image Source : Shutterstock.com
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