चकमा देने वाले हो सकते हैं ल्‍यूपस के लक्षण

समय के साथ ल्‍यूपस के संकेत बदल सकते हैं। और किन्‍हीं भी दो व्‍यक्तियों में इसके लक्षण एक समान नहीं होते। मोटे तौर पर ल्‍यूपस के लक्षण और संकेत काफी चकमा देने वाले हो सकते हैं।
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चकमा देने वाले हो सकते हैं ल्‍यूपस के लक्षण


ल्‍यूपस दुर्लभ बीमारी नहीं है। एक अनुमान के अनुसार करीब 15 लाख अमेरिकी, जिनमें अधिकतर महिलायें शामिल हैं, ल्‍यूपस के शिकार हैं। लेकिन, ल्‍यूपस को गलती से अर्थराइटिस अथवा कोई अन्‍य बीमारी माना जा सकता है। और कई बार कुछ लक्षण जो ल्‍यूपस की ओर इशारा करते हैं, वे किसी अन्‍य वायरस के कारण हो सकते हैं।

ल्‍यूपस के दौरान जोड़ों में दर्दहर व्‍यक्ति में ल्‍यूपस लक्षण और संकेत अलग होते हैं। इस बीमारी के लक्षण अचानक भी सामने आ सकते हैं या फिर कई बार ये धीरे-धीरे पनपते हैं। कई बार यह बहुत हल्‍के होते हैं, तो कई बार बहुत गंभीर कभी तो ये अस्‍थायी होते हैं, तो कई स्‍थायी।

 

ल्‍यूपस के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आखिर शरीर का कौन सा अंग इस बीमारी से प्रभावित हुआ है। अमेरिकन कॉलेज और रह्यूमेटोलॉजी का कहना है कि अगर किसी मरीज को इन 11 में से चार लक्षण हों, तो उसे ल्‍यूपस माना जा सकता है। हालांकि, इसमें यह भी जरूरी नहीं कि सभी संभावित लक्षण एक साथ नजर आएं। आइए जानें, ल्‍यूपस के कुछ लक्षणों के बारे में-

 

तितली के आकार का रेश

गालों और नाक पर तितली के आकार के रेशेज होना ल्‍यूपस का एक बड़ा लक्षण है। ल्‍यूपस के करीब तीस फीसदी मरीजों को ये रेशेज होते हैं। ये रेशेज रोसाकिया या त्‍वचा की किसी अन्‍य बीमारी के कारण भी हो सकते हैं।

 

सूरज की रोशनी से रेशेज

सूरज की रोशनी अथवा किसी कृत्रिम अल्‍ट्रावॉयलेट रोशनी के संपर्क में आने पर ल्‍यूपस के मरीज के बटरफ्लाई रेशेज की हालत और बुरी हो जाती है। इससे शरीर के अन्‍य हिस्‍सों पर भी सूजन और रेशेज हो सकते हैं। इससे जोड़ों में दर्द की समस्‍या हो सकती है। वे लोग जिनका रंग अधिक गोरा है, उन्‍हें इस प्रकार की समस्‍या का अधिक सामना करना पड़ सकता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि कुछ लोगों की त्‍वचा यूं ही सन सेंसेटिव होती है। इसलिए यह अकेला कोई संकेत नहीं है।


मुंह अथवा नाक में छाले

मुंह में छाले होना ल्‍यूपस का एक सामान्‍य लक्षण है। लेकिन, ल्‍यूपस के दौरान मुंह में होने वाले छालों में आमतौर पर दर्द नहीं होता, जो इसे अलग बनाता है।  इसके साथ ही यह मसूड़ों और मुंह के कोनों में होने के बजाय ऊपरी जबड़े पर होता है। ल्‍यूपस से जुड़े छाले नाक में भी हो सकते हैं ।


जोड़ों में सूजन

लाल, गर्म, संवेदनशील और सूजे हुए जोड़ ल्‍यूपस का इशारा हो सकते हैं। केवल खुजली और कठोरता होना ही काफी नहीं है। जोड़ों में अर्थराइटिस के साथ इन सभी लक्षणों का होना भी आवश्‍यक है। विशेषज्ञ मानते हैं कि शरीर के कम से कम दो छोटे जोड़ों का कम से कम छह सप्‍ताह तक प्रभावित रहने को ही ल्‍यूपस का संभावित लक्षण माना जाना चाहिए।

 

सीने में जलन

दिल के करीब की लाइनिंग (पेरिकार्डिटिस) अथवा फेफड़े (प्‍लेयूरिटिस) में जलन होना ल्‍यूपस का एक लक्षण हो सकता है। लेकिन, ये दोनों ही परिस्थितियां वायरल संक्रमण के कारण भी हो सकती हैं। हालांकि, यह जलन बहुत दुर्लभ अवसरों पर ही हृदय अथवा फेफड़े की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, लेकिन इससे छाती में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। खासतौर पर तेजी से सांस लेते अथवा खांसते समय। व्‍यक्ति को कभी-कभार सांसों के उखड़ने की भी शिकायत हो सकती है।


मूत्र संबंधी असामान्‍यताएं

माइक्रोस्‍कोपिक ब्‍लड सेल्‍स और प्रोटीन, जो आमतौर पर मूत्र में नहीं पाए जाते, ल्‍यूपस के मरीजों के मूत्र में इनके कण होने की आशंका होती है। लेकिन, हां, इस बात का ध्‍यान रखें कि ये लक्षण कई अन्‍य बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। जैसे, यूरीनेरी ट्रेक्‍ट इंफेक्‍शन और किडनी की पथरी आदि।

एक स्‍वस्‍थ किडनी मूत्र में प्रोटीन जाने से रोकती है। लेकिन, संक्रमित किडनी अपना काम सही प्रकार से नहीं कर पाती। यह भी ल्‍यूपस का एक संकेत है और इसके कारण मूत्र में प्रोटीन पहुंच सकता है। हालांकि, यह अकेला लक्षण ही काफी नहीं है। हालांकि, अगर अधिक मात्रा में प्रोटीन विसर्जित हो जाए, तो पैरों में सूजन की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही अगर किसी को किडनी फेल होने की शिकायत हो, तो उसे मतली अथवा कमजोरी हो सकती है।


मनोविकृति

ल्‍यूपस कई प्रकार के मानसिक और तंत्रिका प्रणाली संबंधी समस्‍यायें पैदा कर सकता है। इसमें तनाव, सिरदर्द और दृष्टि संबंधी समस्‍यायें हो सकती हैं। हालांकि, इसके अलावा व्‍यक्ति को गंभीर मानसिक समस्‍यायें भी हो सकती हैं। जैसे भ्रम और मतिभ्रम। लेकिन, सिरदर्द जैसे कम विशिष्‍ट लक्षणों में यह पता लगा पाना जरा मुश्किल होता है कि यह ल्‍यूपस के कारण है या फिर तनाव आदि के चलते।


अनीमिया

ल्‍यूपस के दौरान अनीमिया यानी शरीर में लाल रक्‍त कोशिकाओं का कम हो जाना, एक सामान्‍य लक्षण है। विशेषकर ल्‍यूपस की शिकार महिलाओं के बीच यह लक्षण अधिक देखा जाता है। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया, माहवारी चक्र के दौरान अधिक देखा जाता है। वहीं ल्‍यूपस में अनीमिया को हीमोलायटिक अनीमिया कहा जाता है। जानकार कहते हैं कि केवल रक्‍त कोशिकाओं का कम होना ही मायने नहीं रखता है, यह भी देखा जाता है कि रक्‍त कोशिकायें किस रफ्तार अथवा अंतराल से कम हो रही हैं।


डिस्‍काइड रेश

थाली के आकार के चकत्‍ते यानी डिस्‍काइड रेश ल्‍यूपस में काफी सामान्‍य होता है। आमतौर पर ये निशान चेहरे, खोपड़ी और गले पर भी नजर आते हैं। जाते समय ये चकत्‍ते निशान छोड़ जाते हैं। एसएलई में यह लक्षण सबसे सामान्‍य होता है, लेकिन डिस्‍काइड ल्‍यूपस के निदान के लिए इसी लक्षण को काफी माना जा सकता है। डिस्‍काइड ल्‍यूपस केवल त्‍वचा को प्रभावित करता है।


एएनए टेस्‍ट का सकारात्‍मक आना

एंटीन्‍यूक्‍लीयर एंटीबॉडी टेस्‍ट से ल्‍यूपस की जांच की जाती है। इस जांच का नतीजा अगर नकारात्‍मक आता है, तो इस बात की लगभग शत-प्रतिशत गारंटी है कि व्‍यक्ति को ल्‍यूपस नहीं है। वहीं दूसरी ओर सकारात्‍मक नतीजा आना काफी दुविधा पैदा कर सकता है। 90 से 95 फीसदी लोग जिनका एएनए टेस्‍ट का परिणाम सकारात्‍मक आता है, उन्‍हें ल्‍यूपस नहीं होता।

एएनए शरीर द्वारा निर्मित वे प्रोटीन होते हैं, जिन्‍हें डीएनए और कोशिकाओं में मौजूद अन्‍य महत्‍वपूर्ण घटकों से जोड़ा जा सकता है। लेकिन, सिर्फ इसलिए कि ये प्रोटीन हमारे शरीर में मौजूद हैं, का यह अर्थ नहीं कि ये शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली पर हमला करेंगे। ये एंटीबॉडीज कम से कम पांच फीसदी लोगों में पाए जाते हैं। तो ऐसे में दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जिनके शरीर में एंटी बॉडी मौजूद है और वे एक स्‍वस्‍थ जीवन जी रहे हैं।


अन्‍य एंटीबॉडी टेस्‍ट

ल्‍यूपस की पुष्टि के लिए अन्‍य जांच भी की जाती हैं। डॉक्‍टर ऐसे संभावित एंटीबॉडी की तलाश करते हैं, जो शरीर के लिए खतरा पैदा कर सकते हैा। इसके लिए वे एंटी डबल स्‍टैंडर्ड डीएनए और एंटी स्मिथ एंटीबॉटीज की जांच करते हैं। इन जांचों के परिणाम सकारात्‍मक आने की संभावना तब तक बहुत कम होती है, जब तक मरीज को वाकई ल्‍यूपस न हो। हालांकि, जिस व्‍यक्ति की जांच का परिणाम नकारात्‍मक आए उसे भी ल्‍यूपस हो सकता है। हालांकि ऐसा एएनए जांच में नहीं होता।

 

ये सब ल्‍यूपस के संभावित लक्षण हैं। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इनमें से कोई भी लक्षण पूरी तरह से ल्‍यूपस का संकेत नहीं देता और न ही किसी लक्षण को पूरी तरह से दरकिनार ही किया जा सकता है।

 

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