पेथिडिन व एपिड्युरल कृत्रिम प्रकार की मॉर्फिन है। आपको इंजेक्शन के द्वारा या रग में डाली गई नलिका के ज़रिए पेथिडिन दी जा सकती है। यह एक दर्द निवारक है और ये आपको सुस्ताने में भी मदद करेगी. एपिड्युरल आपकी रीढ में दिया जाने वाला इंजेक्शन है। यह इंजेक्शन आपकी नाभि से लेकर आपकी टांगों और पैरों तक आपको सुन्न कर देता है जिससे आप खिंचावों का दर्द महसूस नहीं कर। अगर आप अपने बच्चे को अस्पताल में जन्म दें तो ही आप एपिड्युरल ले सकती हैं।
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- केवल कुछ समय के लिए दर्द से आराम देती है और गर्भ के भारीपन को कम देती है औऱ ये प्रसव को धीमा कर सकती है। इंजेक्शन लगवाने वाली हर तीन में से एक महिला को इससे ज्यादा फायदा नहीं हुआ। इससे आपको बेहोशी, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या हो सकती है। इंजेक्शन से आपको ऑक्सीजन मास्क लगाने की जरूरत भी हो सकती है। हो सकता है आपको उल्टी की शिकायत भी हो।
- इन से थोडी नींद और अवसाद होने जैसी स्थिति हो जाती है।इसको लगाने से प्लासेंटा क्रास होने के कारण कभीकभी शिशु को पहुंचने वाली आक्सीजन की मात्रा कम होने की आशंका रहती है। खासतौर से तब, जब इसको लगाने के दो घंटे के अंदर ही अगर शिशु का जन्म हो जाए। इंजेक्शन के बाद स्तनपान कराने में भी दिक्कत आ सकती है ।
- ज्यादातर समय आपको बिस्तर पर ही बिताना पड़ सकता है, इन इंजेक्शन के बाद भी संभावना रह जाती है कि पेट का छोटा सा हिस्सा सुन्न ना हो पायें, जिससे दर्द लगातार बना ही रहता है।रक्तचाप कम हो जाने पर ड्रिप लगाने की ज़रूरत पड़ सकती है। हर खुराक के बाद आपके बच्चे के दिल की धड़कन की निगरानी करनी पड़ेगी। फोर्सेप या वेन्टूज जैसे साधनों की मदद से प्रसव होने की अधिक संभावना होती है। पेशाब करने में समस्या पैदा कर सकता है
आपके बच्चे को उसके शरीर में से पेथिडिन और एपिड्युरल के प्रभावों को दूर करने के लिए जन्मते ही इंजेक्शन लेने की ज़रूरत पड़ सकती है।
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