चौतीसवें हफ्ते में हो सकती है सांस लेने में परेशानी

आप गर्भावस्था के छत्तीसवें हफ्ते में आ गई हैं। आपकी गर्भावस्था का कार्यकाल पूरा होने वाला है, अब आपको किसी भी समय लेबर पेन हो सकता है। छत्‍तीसवें हफ्ते के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
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चौतीसवें हफ्ते में हो सकती है सांस लेने में परेशानी

गर्भावस्था के चौतीसवें हफ्ते में मां और शिशु का वजन बराबर अनुपात में बढ़ रहा है। महिला के अंगों पर दबाव बढ़ने के कारण आपको सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।

thirty four week of pregnancy
जल्‍द ही शिशु श्रोणि में आना शुरू हो जाएगा। गर्भावस्था के अंतिम सप्‍ताह में, आप आसानी से सांस ले सकती हैं। सांस आने में परेशानी होने पर आप ऊपरी शरीर को ऊपर उठाकर लेटने की कोशिश करे। इससे सांस की परेशानी में राहत मिलेगी। यदि आपको पहले से ही अस्थमा की परेशानी है तो आपको चिकित्सक से बात करनी चाहिए। गर्भावस्‍था के इस हफ्ते में भी प्रसव पीड़ा होना संभव है, लेकिन डॉक्‍टर इसे रोकने की कोशिश करते हैं।

यदि बच्चे का जन्म इस सप्ताह में होता है, तो उसको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आप डॉक्टर के साथ हर अपाइंटमेंट में जाकर और ज्‍यादा से ज्‍यादा आराम करके जल्द प्रसव होने की संभावना को कम कर सकती हैं। तीसरी तिमाही के सफल होने की कुंजी है, आप जितना ज्‍यादा आराम कर सके उतना अच्‍छा है। यदि चिकित्सक ने बिस्तर पर आराम करने के लिए कहा हैं, तो आपको ऐसा ही करना चाहिए। ज्‍यादा काम करने से आपको थकान हो सकती है, इसलिए चिकित्‍सक के मशविरे का पालन करें।


बच्चे का विकास

चौतीसवें सप्‍ताह में गर्भ में पल रहे शिशु का वजन पांच से साढ़े पांच पाउंड और लंबाई साढ़े पन्‍द्रह से साढ़ें सत्रह इंच तक हो सकती है। लेकिन यदि आपके बच्‍चे की लंबाई इससे कम है तो घबराने की जरूरत नहीं है। पूरी गर्भावस्था के दौरान चिकित्सक ने बच्चे की निगरानी की है। कोई भी चिंताजनक बात होने पर चिकित्‍सक आपको बता देंगे।

इस समय बच्‍चे का शरीर वसा के साथ भरना शुरू हो रहा है। यह बच्चे के शरीर के तापमान को अंदर और बाहर से विनियमित करने में मदद करता है। फेफड़ों के अलावा बच्चे के अंग गर्भावस्था के इस हफ्ते में परिपक्व होते हैं। शिशु के सांस लेते समय, फेफड़ों का सांस लेने का अभ्यास और एमनिओटिक द्रव निगलना जारी है। बच्‍चे को हिचकी आने पर इसका अहसास आपको भी होता है।

इस समय बच्चे के बाल उसकी आंखों पर आते हैं, तो वह आंख झपकाना सीख रहा है। गर्भावस्था के इस चरण में बच्‍चा आवाज और ध्वनियों में से कुछ पर पहचान दिखाना शुरु कर देगा। अल्ट्रासाउंड की रोशनी के प्रति बच्‍चा संवेदनशील है, इसे आप महसूस कर सकती हैं। अब बच्‍चा सिर नीचे कि तरफ मोड़ कर जन्म के लिए तैयार हो रहा है। डॉक्‍टर द्वारा जन्म तक बच्चे की निगरानी करना जारी रहेगा। यदि बच्चा ब्रिच स्थिति में है, तो सुरक्षित प्रसव के लिए सीजेरियन एक विकल्प हो सकता है।


शरीर में परिवर्तन

गर्भाश्‍य नाभी के साढ़े पांच इंच ऊपर है। यह इससे कुछ अलग भी हो सकता है, क्‍योंकि हर औरत अलग है और हर महिला के गर्भावस्था के हफ्तों के लक्षण भी अलग होते हैं। चौतीसवें से छत्तीसवें हफ्ते में एमनिओटिक द्रव में बढोतरी होगी। ऐसे में शिशु के घूमने के लिए जगह कम रह जाएगी। नाभि का आगे बढ़ना शुरु होगा और कुछ महिलाओं में यह बहुत ही संवेदनशील हो सकती है। नाभि को जालीदार कपड़े की पट्टी या बैंडेड से ढकने से मदद हो सकती है।

बच्चे के हिलने पर पेट का एसिड भी हिलता है, ऐसे में आपके दिल में जलन हो सकती है। थोड़ी मात्रा में पांच से सात बार भोजन करे। हाथ, पैरों और चेहरे पर भी सूजन दिखाई दे सकती है। यदि‍ ज्‍यादा सूजन है तो इस बारे में चिकित्सक से बात करें। सूजन के साथ सिर दर्द की समस्‍या है तो चिकित्सक को घर पर बुला सकती हैं। गर्भावस्‍था के दौरान शरीर का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी होता है। इसलि‍ए यदि आपको आराम की जरूरत महसूस हो तो काम में कमी करके बिस्‍तर पर आराम करे।


क्या उम्मीद की जाती है

चौतीसवें हफ्ते में आपको डॉक्‍टर से चर्चा करनी चाहिए कि बच्चे के जन्म में क्या होता है। डॉक्‍टर आपको जानकारी वर्गो में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। क्या आप जानती हैं कि बच्चे का जन्म वास्तव में तब शुरू होता है जब गर्भाश्‍य ग्रीवा 10 सेंटीमीटर तक फैल जाती है?

जन्म का एक अन्य चरण बच्चे का प्रसव है। यह अब तक के सभी प्रसव के वर्गों का सबसे लंबे समय का है। अंतिम चरण नाल का प्रसव है। इसको पांच मिनट से 30 मिनट तक का समय लग सकता है। चिकित्सक एक एपिसिटोमी करेंगे, यह एक सुरक्षित तरीका है। आप चिकित्सक से इसकी जरूरत के बारे में पूछ सकती हैं। इसके संक्रमण, चोट और सूजन के रुप में कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। इन्‍हं भरने के लिए आपको कुछ समय की जरूरत होती है।

गर्भावस्था के इस सप्‍ताह में आपको बच्चे के नामों का अंदाजा होना चाहिए। जब आप बच्‍चे को अस्‍पताल से घर लेकर जाएंगी तो कैसे लेकर जाएंगी, इसका अनुमान भी आपको होना चाहिए। यदि आप प्रसव के लिए अस्‍पताल जाती हैं, तो आपको क्या करना है, इस पर आपको एक योजना बनानी शुरु कर देनी चाहिए। अपने नजदीकियों और डॉक्‍टर के नंबर हमेशा अपने पास रखें।


सुझाव

प्रसव की तारीख निकट आ रही है। ऐसे में यह तय करें कि आप जिस तरीके से प्रसव कराने जा रही हैं, उसमें आप सहज हैं या नहीं। कई महिलाएं डर जाती हैं कि जब वे प्रसव के कमरे में आती हैं, तो वे सब कुछ सीखा हुआ भूल जाती हैं। अपने चिकित्सक और साथी के साथ चिंताओं को बांटें, इससे आपका डर कम होगा। वे आपके मन को शांत करने सक्षम होगें। अरबों महिलाओं नें जन्म दिया  है और वे इससे आराम से गुजरी है।

 

 

 

 

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