पीरियड्स रुकना ही नहीं है लक्षण, इन 5 संकेतों से कंफर्म करें कि प्रेग्नेंट हैं आप

यूं तो गर्भधारण करने पर कुछ लक्षण साफ दिखाई दे जाते हैं लेकिन कई बार कुछ महिलाएं शुरूआती समय में गर्भधारण के लक्षणों को समझ नहीं पाती। आइए जानें महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।
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पीरियड्स रुकना ही नहीं है लक्षण, इन  5 संकेतों से कंफर्म करें कि प्रेग्नेंट हैं आप

मां बनना एक महिला की जिंदगी के लिए सबसे बड़ा सुख होता है। ऐसे में जब टेक्नोलॉजी जब इतनी आगे बढ़ गई है तो प्रेग्नेंसी का पता लगाना बेहद आसान हो गया है। अब पहले कि तरह आपको इस चीज के महीनों पारिएड्स के आने-जाने पर ध्यान देना नहीं पड़ता। अब बाजार में कई प्रेग्नेंसी चेक डिवाइस हैं, जिसकी मदद से आप मिनटों में प्रेग्नेंसी चेक कर सकती हैं। वहीं प्रेग्नेंट होने से पहले एक महिला का शरीर उन्हें काफी संकेत देता है कि जिससे वे पता कर सकती हैं कि वे प्रेग्नेंट हैं या नहीं। आइए हम आपको बताते हैं प्रेग्नेंसी के कुछ आम लक्षण जिससे की मदद से आप खुद ही अपनी प्रेग्नेंसी को घर बैठे कंफर्म कर सकती हैं।

Inside_pregnancy symptoms

शरीर के तापमान और मूड में बदलाव

अक्सर लोग पीरिएड्स के ना आने को ही प्रेग्नेंसी का पहला लक्षण समझते हैं पर ऐसा नहीं है। पीरिएड्स के मिस होने से पहले आपका शरीर आपको कई अलग संकेत भी देता है, जैसे शरीर का तापमान अचानक से बढ़ने लगता है। कभी-कभार तो ऐसा लगता है कि आपको कहीं बुखार तो नहीं। पर ऐसा नहीं है। ये आपके अंदर हो रहे बदलाव के कारण होता है। इसके साथ ही आपके मूड्स में भी काफी बदलाव आने लगता है। वैसे ये लक्षण आम भी हो सकते हैं पर अगर आपने फर्टिलाइजेशन की कोशिश की है तो शरीर के इस संकेत को नजरअंदाज न करें।

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पीरिएड्स का न आना

यह प्रेग्नेंसी का सबसे आम लक्षण है और यह लगभग सबको पता होता है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि बहुत से अलग-अलग हॉर्मोन एक साथ मिलकर आपके मासिक चक्र की अवधि, अंडे की परिपक्वता और ओव्यूलेशन के समय को नियंत्रित करते हैं। इसके बाद से ही आपका पीरिएड्स आना बंद हो जाता है। पर एक बार सिर्फ पीरिएड्स का न आना आपके प्रग्नेंट होना कंन्फर्म नहीं कर सकता। इसके लिए आपको अगले कुछ पीरिएड्स का भी इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी ये है क् आप डॉक्टर के पास जाएं या बाकी लक्षणों पर भी ध्यान दें।

ब्रेस्ट का हैवी हो जाना और निपल का रंग बदलना

प्रेग्नेंसी के दौरान मेलोनोसाइट्स नामक हॉमोर्नल शरीर को बड़ी तेजी से प्रभावित करते हैं। यानी इनके कारण उन कोशिकाओं पर प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण निपल्स के रंग बदलने लगते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान निपल का रंग गहरा यानी की थोड़ा ब्राउन हो जाता है। होर्मोन के बदलाव के कारण ब्रेस्ट में सूजन आ जाती है और ब्रेस्ट भारी भारी सा महसूस होने लगता है। होर्मोनल डिसबैंलेंस के कारण आपके शरीर के बाकी अंगों में भी कसाव और बदलाव महसूस कर सकती हैं।

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मितली, उल्टी और सिर दर्द

गर्भावस्था में दिन की शुरुआत काफी बोझिल होती है। सुबह उठकर आपको कमजोरी लगती है और मितली आने की संभावना ज्यादा रहती है। साथ ही कई बार कुछ खाने पर उल्टी या दुर्गंध आगे की समस्या हो सकती है। इस दौरान बहुत सी महिलाओं को किसी खास खाने वाली चीजों से बू या उल्टी आदि की समस्या हो सकती है। इसके अलावा कमजोरी और ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाने से कई बार सिर भारी लग सकता है और कई दिनों तक सिर दर्द की समस्या रह सकती है। बाद में सही खान पान से ये ठीक होने लगता है।

क्रेविंग और फूड टेस्ट का बदल जाना

गर्भावस्था के दौरान क्रेविंग एक आम समस्या होती है। रात को अचानक से मीठा, दिन को खट्टा और कभी एक दम से तीखा खाने का मन हो सकता है। इस तरह प्रेग्नेंसी में कई तरह के क्रेविंग होती रहती है। इन क्रेविंग्स के कारण महिलाएं अक्सर खाना-खाने में बहुत नखरे करने लगती हैं। खैर अंत में प्रेग्नेंसी को पूरी तरह से कंफर्म करने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। 

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