किशोरावस्था एक ऐसा समय होता है जब बच्चे थोड़े व्याकुल और परेशान रहते हैं। एक तरफ तो वो अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं और दूसरी तरफ वो दूसरों से बहुत जल्दी प्रभावित भी हो जाते हैं। बच्चों के गलत व्यवहार के लिए माता-पिता अक्सर दूसरों को जिम्मेदार ठहराते हैं। लेकिन वो यह भूल जाते हैं की उनके खुद के व्यवहार का भी सीधा असर उनके युवा बच्चों पर पड़ता है। यहाँ हमने कुछ ऐसे सुझाव दिये हैं जिनकी मदद से आप बच्चों को सही आदतें सीखा सकते हैं...
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बच्चों को सिखाएं ये 5 बातें
- बच्चों के सामने कभी झूठ न बोलें और न दूसरों को झूठ बोलने की राय दें। इससे वह हमेशा खुद के प्रति और दूसरों के प्रति ईमानदार रहेंगे।
- बच्चों के सामने नियमों को न तोड़े जैसे लाल सिगनल पर गाड़ी आगे न बढ़ाएँ, हेलमेट और सीट बेल्ट के बिना गाड़ी न चलाएं और गाड़ी चलाते समय फोन पर बात न करें। अगर आप नियम तोड़ेंगे तो वो भी सीखेंगे की कभी कभी नियम तोड़ना ठीक है।
- अक्सर ऐसा होता है की पार्टी में बड़े लोग शराब पीते हैं और साथ में युवा लोगों को भी पीने के लिए बुलाते हैं। ऐसा करने से छोटे बच्चों को लगता है की शराब और सिगरेट पीना एक आम बात है और वो भी इसको ट्राई करने की कोशिश करते हैं।
- दूसरों के बारे में गलत बाते करना या बुराई करना अच्छी आदत नहीं है। बच्चों के सामने दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए वरना वो भी यही सीखते हैं और कभी कभी आपको शर्मिंदाजनक स्थिति में डाल देते हैं।
- कभी कभी घर के पुरुष सदस्य महिलाओं से अच्छा व्यवहार नहीं करते। बच्चे भी यही देख के बड़े होते हैं और वो यह सीखते हैं की लड़कियों और महिलाओं की इज्ज़त नहीं करनी चाहिए। इसलिए यह ज़रूरी है की परिवार के सदस्य एक दूसरे की इज्ज़त करें।
ये भी सिखाएं
माता-पिता को अपने बच्चों को यह सीखाना चाहिए की लड़के और लड़कियों के अलग अलग काम नहीं होते। घर के सभी काम सबको मिलके करने चाहिए। घर के पुरुषों को महिलाओं का हाथ बटाना चाहिए और महिलाओं को भी पुरुषों के काम में साथ देना चाहिए।
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