कई बच्चे बचपन से ही मोटे होते हैं और माता-पिता की लाख कोशिशों के बाद भी वे पतले नहीं हो पाते। क्योंकि कहीं न कहीं बच्चों के मोटापे का कारण उनके पिता होते हैं। हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि लड़कों में उसके पिता के साथ संबंधों की गुणवत्ता का प्रभाव उनके अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने की उनकी मुश्किलों पर पड़ता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि, बच्चों के मोटा होने पर माता-पिता दोनों, विशेषतौर से पिता ज्यादा जिम्मेदार होते हैं। युवाओं के मोटे होने का सीधा संबंध उसके पिता से रहने वाले संबंध की गुणवत्ता के ऊपर आधारित होता है। खासकर ऐसा लड़के और उसके पिता के बीच का संबंध उनके मोटापे पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं।
यह शोध 3,700 से अधिक महिलाओं और 2,600 पुरुषों पर किया गया जिनकी उम्र 14 से 24 साल के बीच थी। इस शोध में शामिल सभी पुरुष और महिलाओं, दोनों में से 80 फीसदी लोगों का मानना था कि वे अपने परिवार से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। उनकी रोजाना का काम-काज परिवार से जुड़ा हुआ और परिवार के साथ ही पूरा होता है। इनमें 10 में 6 महिलाओं और करीब आधे पुरुषों ने माना कि उनके अपने माता-पिता के साथ संबंध बेहतर हैं।
प्रमुख शोधकर्ता और कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ ग्यूलेफ के प्रोफेसर जेस हाइनेस का कहना है, “हमारे शोध में बच्चों के ऊपर पिता के प्रभाव का अध्ययन किया गया। साथ ही यह भी देखा गया कि पिता किस प्रकार अपने बच्चों में स्वास्थ्यवर्धक आदत विकसित करने में मदद कर सकते हैं।”
इसके अलावा इस शोध में पता चला कि जिन युवा वयस्कों का स्थाई परिवारों में पालन-पोषण होता है उनमें मोटापे की संभावना घट जाती है। वहीं, दूसरी तरफ अगर परिवार में अलगाव हो तो युवा वयस्कों में स्वास्थ्यवर्धक आदतों में व्यवधान पैदा हो सकता है। यह शोध जर्नल ऑफ बिहेवियर न्यूट्रिशन एंड फिजिकल एक्टिविटी में प्रकाशित हुआ है।
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