मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस में कैसा हो आपका आहार

मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस एक प्रकार की ऑटोइम्‍यून बीमारी है, इस बीमारी में शरीर अपनी कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करता है, ऐसे में खानपान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए।
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मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस में कैसा हो आपका आहार

मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस एक प्रकार की ऑटोइम्‍यून बीमारी है, इस बीमारी के होने पर शरीर अपनी कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करता है। इस बीमारी के शिकार पुरुष की तुलना में महिलायें अधिक होती हैं। यह रोग अकसर 20 से 40 की उम्र के बीच शुरू होता है। अंगों में कमजोरी, शरीर सुन्न पड़ना, अचानक संतुलन खोना, देखने में परेशानी, आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके रोगी तनाव ग्रस्‍त हो जाते हैं। इस रोग में खानपान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। इस लेख में जानिये मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस होने पर क्‍या खायें और किससे परहेज करें।
Multiple Sclerosis

संतृप्‍त वसा से बचें

मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस होने पर संतृप्‍त वसा से परहेज करना चाहिए, क्‍योंकि यह पशुओं के मांश में पाया जाता है और इसके कारण कैंसर, हृदय रोग और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें होने लगती हैं।

आमेगा3 और ओमेगा6

ओमेगा-3 और आमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन इस बीमारी में करना चाहिए। आमेगा 3 फैटी एसि‍ड के लिए सालमन और मैकरेल जैसी मछलियों का सेवन कीजिए, जबकि ओमेगा 6 फैटी एसिड के लिए सूखे मेवे और सूरजमुखी के तेल का सेवन कीजिए।

लो-कार्ब डायट से बचें

अगर आपका वजन अधिक है और आप इस बीमारी से ग्रस्‍त हैं तो कभी भी लो-कार्ब डायट के जरिये वजन कम करने के बारे में न सोचें। दरअसल इस बीमारी के कारण थकान बहुत होती है और अगर आपने ऐसे आहार का सेवन किया जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होगी तो आपके शरीर में ऊर्जा कम रहेगी। इसलिए ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन जरूर करें।

डेयरी उत्‍पाद खायें

मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस होने पर डेयरी उत्‍पादों का सेवन बंद न करें। लो-फैट डेयरी उत्‍पाद का सेवन करें। दूध और दही का सेवन करें, इसमें कैल्शियम और विटामिन डी बहुतायत में पाया जाता है। इससे हड्डियां मजबूत होंगी।

विटामिन डी के लिए चिकित्‍सक से पूछें

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है, अगर कोई व्‍यक्ति एमएस से ग्रस्‍त है तो विटामिन डी की सहायता से इम्‍यून सिस्‍टम भी मजबूत होता है। इसके लिए खानपान के अलावा सूर्य की किरणों से भी विटामिन डी लें। सूर्य की किरणें शरीर को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए चिकित्‍सक से सलाह अवश्‍य लें।

Multiple Sclerosis Diet in Hindi
रंगीन सब्जियां खायें

हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन करने से मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस के खतरे को कम किया जा सकता है। सब्जियों में पाये जाने वाले एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन माइलिन (यह एक प्रकार की तंत्रिका है जो नर्वस सिस्‍टम के मध्‍य भाग में होती है) को पोषण प्रदान करते हैं। एमएस माइलिन को ही सबसे अधिक प्रभावित करती है।

फाइबर अधिक खायें

मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस के कारण कब्‍ज की समस्‍या सबसे अधिक होती है। इस बीमारी में प्रयोग की जाने वाली दवायें भी कब्‍ज का कारण बनती हैं। खाने को आसानी से पचाने में फाइबर की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। फाइबरयुक्‍त फलों और सब्जियों को अपने डायट में शामिल करें।

मल्‍टीपल स्‍क्‍लेरोसिस होने पर तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए। इसके लिए ढेर सारा पानी पियें, फलों के जूस भी पियें। इसके अलावा नियमित रूप से चिकित्‍सक के संपर्क में रहें।

image source - getty images

 

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