अक्सर लोग अपने घुटनों, टखनों, कमर, गर्दन और उंगलियों के जोडों को चटकाते रहते हैं। इनमें से आने वाली आवाजों के अलग-अलग कारण होते हैं। बचपन से ही आप सुनते आए होगें कि अंगुलिया चटकाने से हड्डियों पर फर्क पड़ता है, इससे गठिया की समस्या भी हो सकती है। लेकिन थकान और आदत से मजबूर होने के चलते हम अपनी इस आदत को अभी तक सुधार नहीं पाएं। अगर आपकों भी अंगुलिया चटकाने की बुरी आदत हो तो ये लेख आपके काम का है। इस लेख में अंगुलिया चटकने पर जो आवाज आती है उसके कारण पर नजर डाली गई है।
क्या है आवाज का कारण
अंगुलियों को चटकाते समय आने वाली आवाज, हमारे जोड़ों मे पाए जाने वाले लुब्रीकेंट पदार्थ सानोवियल फ्लड से निकलने वाली गैस की बबल होती है। वहीं जल्दी से उठते समय घुटनो सें आने वाले तड़कने की आवाज नसों की मांसपेशियों और हड्डियों के ओर चलने की आवाज होती है। जैसे ही नसें अपनी जगहों पर वापस पंहुचती है उनके स्थित होने की आवाज आती है। गठिया से पीडित जोडों मे अक्सर तरलता की कमी और सतहों का खुरदुरा हो जाने के कारण आवाज आती है।
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कब चटकाते हैं अंगुली
कुछ लोगों मे अंगुलियां चटकाने की आदत ही होती है। उसके अलावा ज्यादातर लोग थकान मिटाने के लिए उंगलिया चटकाते हैं। ज्यादा देर तक कम्प्यूटर पर बैठे रहने से अंगुलियों में थकान हो जाती है। लगातार काम के चलते शरीर के अन्य अंग भी थक जाते हैं, उनकी थकान को तुंरत राहत देने के लिए चटकाना या तड़काना आसान लगता है।
अंगुलियां चटकाना है नुकसानदेह
कुछ लोगों को लगता है कि अंगुलिया चटकाने से गठिया की समस्या हो जाती है लेकिन इस बात के अभी कोई तथ्य नहीं है। अगर चटकाने से आपको किसी तरह के दर्द का अनुभव हो रहा हो तो डॉक्टर की सलाह लें। कुछ शोधों का मानना है कि अंगुलिया चटकाने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।
हालांकि कुछ शोधों में ऐसा भी देखा गया है कि जरूरत से ज्यादा चटकाने से जोड़ों की कोमल कोशिकाएं खराब होने लगती है। इससे हाथों की पकड़ भी खराब हो सकती है, साथ ही सूजन की समस्या भी हो सकती है। कभी कभी अंगुलिया चटकाने से ख़ुद को चोट पहुंचाने की ख़बरें सुनाने को मिलती हैं, जिसमें अंगूठे या उंगली में चोट शामिल होती। अंगुलिया चटकाना एक आदत बन जाती है जो कि अच्छी नही है।
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