हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है? इस सवाल के जवाब में लोगों के जवाब अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हर सवाल के जवाब में मूल एक ही है। खुश रहना। खुशी... यही तो चाहते हैं हम अपने जीवन से। और इसी के लिए हम अपने पास तमाम तरह के संसाधन जमा करते हैं। लेकिन, बावजूद इसके हमें खुशी नहीं मिलती। किसी न किसी चीज की कमी खटकती रहती है, जो हमसे छीन लेती है हमारी खुशियां। तो चलिये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कैसे आप सकारात्मक, उर्जावान और जीवंत रह सकते हैं। और कैसे खुशी को महसूस किया जा सकता है?
प्रेरणा है जरूरी
सबसे पहले यह जानने का प्रयास करें कि आखिर क्या चीज आपको प्रेरणा देती है। किस चीज को कर आप स्वयं को प्रसन्न महसूस करते हैं। फिर चाहे वो खेल हो, दोस्तों का साथ हो या फिर संगीत का मजा। यह कुछ भी हो सकता है। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में से कुछ वक्त इन सब कामों के लिए निकालिये। इन कामों को करने से आप स्वयं को ऊर्जावान महसूस करेंगे साथ ही आपके लिए अधिक जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करना आसान होगा।
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नजर बदलें नजारा बदलेगा
खुशी को कहीं ढूंढना नहीं पड़ता, वह हमारे भीतर ही कहीं होती है। आपको इस बात का अहसास होना चाहिए कि कोई भी चीज आपको खुश या दुखी नहीं बना सकती। अपनी खुशी या गम के लिए आप ही जिम्मेदार हैं। खुशी हासिल करने के लिए आपको चीजों को देखने का अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। सकारात्मक सोच और विचार मुश्किल से मुश्किल हालात में आपको खुश रख सकते हैं।
कल अधिक सुंदर होगा
एक टीवी प्रस्तोता अपने शो के आखिर में यह लाइन कहा करते थे, ' इस उम्मीद के साथ कि हमारा आने वाला कल आज से बेहतर होगा, हम आपसे विदा लेते हैं।' कितनी सकारात्मक हैं ये पंक्तियां। इन्हें हमेशा याद रखना चाहिए। रात कितनी भी स्याह क्यों न हो, सुबह के सूरज को रोक नहीं सकती। आप भी इस बात को याद रखिये कि जीवन में भले ही आज कठिनाई हो, लेकिन आने वाला कल इससे अच्छा होगा।
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रिश्तों को ताजा करें
अपनों को अपना प्यार जताएं। ऐसे लोगों के लिए समय ना व्यर्थ करें जो आपके आस पास नहीं हैं। बल्कि ऐसे लोगों की कद्र करें जो आपके साथ हैं और आपके साथ रहते हैं। हर वक्त पूर्णता का अनुभव करने की कोशिश ना करें। अपने के लिए बलिदान ना दें बल्कि कोशिश करें कि जो भी स्थिति आये आप उसका सामना करें!
व्यायाम करें
अध्ययन यह साबित करते हैं कि रोज केवल 10 से 30 मिनट तक व्यायाम करना न केवल स्वास्थकारी है, बल्कि इससे जीवन की गाड़ी की रफ्तार भी तेज हो जाती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा 'पोषण' पर आयोजित सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत अध्ययन रिपोर्ट में भी यही कहा गया है। हालांकि यह अध्ययन महिलाओं पर किया गया था। खास कर रजोनिवृत्त महिलाओं पर। लगातार छह महीने तक व्यायाम करने वाली महिलाओं में समाजिक कार्यो में भागीदारी, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और दूसरे कार्यो में बेहतर व सक्रिय भागीदारी भी देखी गई। यानी उनका जीवन पहले से ज्यादा सकारात्मक और खुशहाल पाया गया।
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