हाल ही में एक अध्ययन में कहा गया कि प्रतिदिन 30 मिनट का शारीरिक व्यायाम, ऊर्जा को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह लोगों को स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोध में समझाया गया कि कैसे हल्का व्यायाम, कड़े प्रशिक्षण की अपेक्षा प्रेरणाप्रद है। निष्कर्ष को जनस्वास्थ्य पत्रिका स्कैनडिनावियन में प्रकाशित किया गया था।
साइंस डेली की रिपोर्ट के अनुसार, मोटापे के बड़े भारी सामाजिक-आर्थिक परिणाम हैं। स्वास्थ्य को लेकर दशकों तक चले अभियानों ने भी इस दिशा में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं की है।
कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इस बड़ी समस्या से बचने और इसके इलाज के एक नए एकीकृत तरीके को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के बायोमेडिकल विभाग के प्रोफेसर बेंटे स्टालनेच ने कहा कि मोटापा एक जटिल समस्या है, इसके प्रति एक बहु-विषयक दृष्टिकोण रखने की जरूरत है। एक नए वैज्ञानिक लेख में हमने बायोमेडिकल अध्ययनों पर 13 सप्ताह की परीक्षण अवधि के दौरान के अनुभवों को गठित किया।
उन्होंने कहा कि यह उस आश्चर्यजनक तथ्य को बताने में समर्थ है कि प्रतिदिन 30 मिनट की कसरत एक घंटे किए गए कड़े शारीरिक परिश्रम के समान ही लाभकारी है।
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