दिनभर बातचीत, चैटिंग, सर्चिंग और नए नए एप्लीकेशन का इस्तेमाल करने से आपके स्मार्ट फोन की बैटरी शाम होते-होते खत्म हो जाती है। ऐसा लगभग हर किसी के साथ होता है। लेकिन इसके बदले में आप करते क्या हैं यह बड़ा सवाल है। आमतौर पर लोग फोन की बैटरी खत्म होने पर उसे रात भर चार्जिंग में लगा देते हैं, जिससे सुबह उन्हें बैटरी फुल चार्ज मिले। जबकि ऐसा करना बिल्कुल गलत है। ऐसा करके कहीं न कहीं आप अपने मोबाइल की बैटरी की उम्र घटा रहे हैं। यहां तक कि आप खुद के लिए भी खतरा मोल रहे हैं। स्मार्ट फोन से जुड़ कुछ तथ्य ऐसे हैं, जिन्हें स्मार्ट फोन यूजर को जानना बहुत जरूरी है। तो हम आपको इस लेख के माध्यम से उन तथ्यों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
यह बिल्कुल सही है कि स्मार्ट फोन कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा में मार्केट में अच्छे फोन के साथ-साथ घटिया क्वॉलिटी के भी स्मार्ट फोन आ रहे हैं। रोज लॉन्च होते फोन को देखकर लोग भी उन्हें खरीदने के लिए लालयित रहते हैं। वहीं तमाम लोग ऐसे हैं जो यह सोचते हैं कि जब तक उनका फोन खराब नही होता है तब तक वह दूसरा फोन नही खरीदेंगे। लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब खासकर उसकी बैटरी सही रहेगी। इसलिए उसे रात भर चार्ज करने से बचना चाहिए।
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क्यों नहीं करना चाहिए रात भर फोन चार्ज
कभी भी फोन को किसी अच्छे ब्रैंड के चार्जर या फिर फोन के ऑरिजनल चार्जर से ही चार्ज करना चाहिए। इससे कोई भी नुकसान होने की आशंका कम हो जाती है। हालांकि जरूरत से ज्यादा चार्ज करने से बचना चाहिए। ज्यादातर फोन इस तकनीक से बनाए जाते हैं कि उनकी बैटरी कम समय में ज्यादा उर्जा संग्रहित कर ले। ऐसे में रात भर फोन चार्ज में लगाने का कोई औचित्य नही रह जाता है।
पहले मोबाइलों में निकिल-कैडमियम बैटरी का इस्तेमाल किया जाता था। इससे बैटरी चार्जिंग पर लगाने के पहले उसके डिस्चार्ज होने का इंतजार करना पड़ता था। जबकि अब ऐसा नही है। अब इनमें लिथियम-आयन बैटरी होती है। जो कि ठीक इसके उलट काम करती है। इसे 50 से 80 प्रतिशत तक चार्ज रखना ही बेहतर माना जाता है। इससे बैटरी की लाइफ ज्यादा समय तक रहती है।
आमतौर पर लिथियम-आयन बैटरी को पूरी तरह डिस्चार्ज होने के पहले चार्ज करने की सलाह दी जाती है। इस तरह की बैटरी में लीथियम पॉलीमर के 0 से 100 प्रतिशत तक चार्ज होने की एक निश्चित गिनती होती है। मतलब यह है कि अगर फोन की बैटरी के जीरो से फुल चार्ज होने की प्रक्रिया को एक राउंड माना जाये तो बैटरी के साथ ऐसे कुछ सीमित राउंड ही दोहराए जा सकते हैं। इसे बैटरी की आयु कही जा सकती है।
लीथियम-आयन बैटरी को निकिल कैडमियम वाली बैटरी से सुरक्षित माना जाता है। इसे रातभर चार्जिंग में लगाना लगभग सुरक्षित भी माना गया है। लेकिन अगर हर दिन ऐसा किया जाये तो आपको फोन की बैटरी को जल्द ही बदलना पड़ सकता है। इसके अलावा यदि आप अपने फोन की बैटरी को बचाना चाहते हैं तो फोन को गर्म होने से भी बचाना होगा। चार्जिंग के समय बैटरी के गर्म होने से लीथियम-आयन तेजी से एक्साइट होते हैं और तेजी से उनकी ऊर्जा भी खत्म होती है। इसीलिए ऐसा होने पर फोन जितनी जल्दी चार्ज होता है उतनी ही जल्दी डाउन भी हो जाता है।
आपके स्मार्टफोन से जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि आजकल के स्मार्टफोन वाकई में स्मार्ट होते हैं। एक बार इसकी बैटरी फुल होने के बाद इनकी चार्जिंग खुद बंद हो जाती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने फोन को प्रतिदिन चार्ज में लगाकर छोड़ने लगें। इससे आपके फोन की बैटरी की लाइफ जल्दी ही खत्म हो जाती है। अगर आप अपने फोन को 80 प्रतिशत तक चार्ज रखते हैं तो बैटरी की लाइफ ज्यादा रहेगी।
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