वसा नहीं उच्‍च कार्बोहाइड्रेट से होती हैं दिल की बीमारियां

कार्बोहाइड्रेट की तुलना में वसा को सेहत के लिए अधिक नुकसानदेह माना जाता है। लेकिन, क्‍या यह बात पूरी तरह सही है। शायद नहीं, हाल ही में हुए एक शोध से यह बात सामने आई है कि आहार में कार्बोहाइड्रेट का भरपूर सेवन हृदय रोग और मधुमेह की आशंका को बढ़ा देता है।
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वसा नहीं उच्‍च कार्बोहाइड्रेट से होती हैं दिल की बीमारियां


आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए क्‍या बुरा है - वसा या कार्बोहाइड्रेट? इस विषय को लेकर लोगों के जेहन में कई सवाल होते हैं। संतृप्त वसा के सेवन को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ हमेशा से चेताते रहे हैं। इसे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और संज्ञानात्मक गिरावट के लिए जिम्‍मेदार माना जाता है। ज्‍यादातर लोग यही मानते हैं कि कार्बोहाइड्रेट की तुलना में वसा सेहत के लिए अधिक नुकसानदेह है। लेकिन, क्‍या यह बात पूरी तरह सही है। शायद नहीं, हाल ही में हुए एक शोध से यह बात सामने आई है कि आहार में कार्बोहाइड्रेट का भरपूर सेवन हृदय रोग और मधुमेह की आशंका को बढ़ा देता है।

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शोध की मानें तो

कनाडा की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार, किसी भी व्‍यक्ति के आहार में संतृप्त वसा की मात्रा में वृद्धि से रक्त का स्तर नहीं बढ़ता। लेकिन आहार में उच्‍च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के सेवन से रक्‍त में फैटी एसिड का स्‍तर बढ़ने लगता है। और इसकी वृद्धि मधुमेह और हृदय रोग का कारण बन सकती है।

 

उच्च कार्बोहाइड्रेट आहार हृदय रोग का कारण  

PLOS में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने संतृप्त वसा के रक्‍त स्‍तर और कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने वालों पर नजर रखी। अध्‍ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कार्बोहाइड्रेट की मात्रा में वृद्धि के साथ, रक्त स्तर बढ़ गया। दूसरी ओर, कार्बोहाइड्रेट का कम सेवन करने वाले अधिकांश प्रतिभागियों में संतृप्त वसा का कुल रक्त स्तर कम हो गया।

 

अध्‍ययन के दौरान ऐसे सोलह वयस्‍कों को शमिल किया गया, जिन्‍हें मेटाबॉलिक सिंड्रोम था। और इन्‍हें तीन सप्‍ताह के लिए कम कार्बोहाइड्रेट आहार दिया गया। अध्‍ययन के दौरान, मरीजों को दिये जाने वाले आहार से उनका कार्बोहाइड्रेट का स्‍तर बढ़ा हुआ मिला। टीम ने इसके प्रतिकूल प्रभाव नोटिस किये क्‍योंकि कार्बोहाइड्रेट के कम होने से पामिटोलेइक अम्ल (अस्वस्थ चयापचय के साथ जुड़ा फैटी एसिड) का स्‍तर गिरा हुआ पाया गया। 


इस विषय में अध्‍ययन में प्रवेश से पहले ऐसे लोगों ने संतृप्‍त वसा को पहले की तुलना में दो बार ज्‍यादा खाया। जब खून में संतृप्‍त वसा को मापा गया, तो नोट किया गया कि इसका स्‍तर बहुत नीचे चला गया था। इससे पता चलता है कि जब शरीर कार्बोहाइड्रेट को फैट में परिवर्तित करता है तो पामिटोलेइक एसिड बायोमार्कर के लिए संकेत होता है। और इस प्रकार से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

 High intake of carbohydrates in hindi

अध्‍ययन के दौरान यह भी पाया गया कि कार्बोहाइड्रेट के बढ़ने से पेट पर अतिरिक्‍त फैट, उच्‍च रक्‍तचाप, लो 'गुड' कोलेस्‍ट्रॉल, इंसुलिन प्रतिरोध या ग्लूकोज असहिष्णुता, और उच्च ट्राइग्लिसराइड्स जैसी पांच समस्‍याएं भी बढ़ने लगती हैं।

कोलंबस में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में ह्यूमन साइंस विज्ञान के प्रोफेसर जेफ वोलेक के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट का कोई भी सुरक्षित और स्वस्थ स्तर या भोजन का अन्‍य कोई ऐसा दृष्टिकोण नहीं है, जो हर किसी के लिए एक ही तरह से काम कर सके।

 

रेखा के नीचे

शरीर पर संतृप्त वसा के प्रभाव के बारे में एक व्यापक भ्रम है। आहार संतृप्‍त वसा और हृदय रोग के संबंध के बीच कोई निर्णायक अध्‍ययन नहीं है, अभी तक स्‍वास्‍थ्‍य और आहार दिशा-निर्देश संतृप्त वसा के प्रतिबंध का समर्थन करते हैं। अध्‍ययन ने संकेत दिया कि रक्‍त में संतृप्‍त वसा दिल की बीमारी के जोखिम बढ़ा देता है।



Image Courtesy : Getty Images

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