भारतीय परंपरा और हिन्दू धर्म में व्रत रखने का बड़ा महत्व होता है। यूं तो व्रत रखने के पीछे धार्मिक महत्व ही प्रमुख है लेकिन अब स्वास्थ्य के लिये लाभ को भी व्रत रखने का एक प्रयोजन मानते व बताते हैं। कई लोग पूरे दिन बिना कुछ खाए, यहां तक की पानी बिना पिये अर्थात निर्जला व्रत रखते हैं। इस तरह व्रत रखने से उन्हें लगता है कि वे अपनी आस्था को ज्यादा प्रभावी ढ़ंग से व्यक्त कर पाते हैं।
विशेषतौर पर नवरात्र में कई लोगों को इस तरह के व्रत रखते देखा जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार निर्जला व्रत करने में कोई समस्या नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक इंसान बिना सांस लिए 3 मिनट, बिना पानी पीए 3 दिन और बिना खाए 3 हफ्ते तक जीवित रहा सकता है। लेकिन फिर भी निर्जला व्रत रखने का शरीर पर कुछ तो प्रभाव होता ही है। चलिये विस्तार से जानें कि क्या निर्जला व्रत रखने पर कोई परेशानी भी हो सकती है या नहीं और निर्जला व्रत में किन बातों का ध्यान रखना चाहिये-
सिर्फ पानी पीने पर
लोग केवल पानी पीकर व्रत कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। नवरात्र में अगर पहली बार 9 दिन तक निर्जला व्रत रख रहे हैं तो ये थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है और इसमें बेहद सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए ऐसे लोग जो पहली बार निर्जला व्रत रखने का मन बना रहे हैं उन्हें एक बार में 3 दिन से ज्यादा व्रत नहीं रखने चाहिये।
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मात्र लिक्विड लेना हो तो
अगर आप केवल तरल लेकर ही व्रत रखना चाहते हैं तो पानी के अलावा जूस भी ले सकते हैं। केवल जूस पीकर इंसान 21 दिन तक जिंदा रह सकता है। हां ऐसे में नारियल पानी का सेवन काफी लाभदायक होता है। नारियल पानी में काफी मिनरल्स और पोटैशियम होता है, लेकिन इसमें कैलोरी नहीं होती है।
असली व्रत का मतलब होता रोज़ से कम खाना, एक बार खाना, तला-भुना न खाना और अनाज नहीं खाना। इसलिए जहां तक संभव हो, पानी और बाकी तरल लेते रहें और शरीर में कभी भी पानी की कमी न होने दें। फलों में भी आपके पास कई विकल्प होते हैं, केला इनमें सबसे बेहतर विकल्पों में से एक है।
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