डायबिटीज के कारण दिल की बीमारियां, किडनी डैमेज और स्ट्रोक जैसी समस्याएं होती हैं, आप ये तो जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि डायबिटीज की वजह से आपके जोड़ों को हमेशा के लिए नुकसान पहुंच सकता है।
ज्यादातर लोगों को लगता है कि डायबिटीज ब्लड शुगर के अंसतुलन की बीमारी है लेकिन इससे जोड़ों को भी नुकसान पहुंच सकता है और ये बीमारी लोगों के पूरे जीवन को तबाह कर सकती है। डायबिटीज एक ऑटो इम्यून कंडिशन है जिसके शरीर और उसके विभिन्न अंगों पर ढेरों दुष्प्रभाव पड़ते हैं।
डॉक्टर्स के मुताबिक डायबिटीज मस्को-स्केलेटल सिस्टम को कई तरीकों से प्रभावित करता है। डायबिटीज के मरीजों में जोड़ों से जुड़ी सबसे आम समस्या नर्व डैमेज या न्यूरोपैथी के रूप में सामने आती है, जोकि डायबिटीज में होने वाली एक आम समस्या है।
अमेरिकन डायबिटीज असोसिएशन के एक जर्नल में प्रकाशि हुए क्लीनकल डायबिटीज पेपर में बताया गया है कि डायबिटीज स्टिफ हैंड सिंड्रोम या लिमिटेड जॉइंट मोबिलिटी सिंड्रोम की समस्या (हाथों की कार्यक्षमता घटाने वाला डिसऑर्डर) टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित 8-50 फीसदी मरीजों में देखने को मिली।
साथ ही ये समस्या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में भी दिखी। वहीं डायबिटीज के 20 फीसदी मरीजों में कारपल टनल सिंड्रोम (CTS) की समस्या देखने को मिली जोकि मेडियन नर्व में संकुचन के कारण होती है। साथ ही 19 फीसदी डायबिटीज के मरीजों में कंधों की जकड़न की समस्या सामने आई।
डायबिटीज विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को ओवरऑल फिटनेस के साथ-साथ डायबिटीज को नियंत्रित करने के उपायों के बारे में बताया जाना चाहिए ताकि वे जॉइंट डैमज और हड्डियों में विकृति जैसी समस्यओं से बच सकें। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक भारत में 2015 में डायबिटीज के 6.91 करोड़ मामले सामने आए और भारत में हर साल डायबिटीज की वजह से 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।
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