डिमेंशिया से बचना है तो कीजिए दिमागी कसरत

कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा कराये शोध के अनुसार लगातार दिमागी गतिविधियों वाले काम करने से बुढ़ापे में याददाश्‍त कमजोर नहीं होती।
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डिमेंशिया से बचना है तो कीजिए दिमागी कसरत


उम्र बढ़ने के साथ लोगों को भूलने की बीमारी यानी डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन यदि आप जवानी में दिमगा से जुड़ी गतिविधियों में ज्‍यादा लगे रहेंगे तो इसकी समस्‍या से बच सकते हैं।

Dementia will not Affect in Old Ageएक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि यदि व्‍यक्ति मानसिक चुनौती वाले काम करना पसंद करेंगे, तो बुढ़ापे में भी भूलने की बीमारी नहीं होगी।



कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर ग्वेनिथ फिशर ने बताया कि, कुछ ऐसे चुनौतीपूर्ण काम हैं, जिसे करने वाले लोगों में बुढ़ापे में भूलने की बीमारी नहीं होती।



यह परिणाम 18 साल तक 4,182 लोगों पर हुए अध्ययन के बाद निकला। अध्ययन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों से 1992 और 2010 के बीच आठ बार पूछताछ की गई। इस प्रक्रिया की शुरुआत में हिस्‍सा लेने वालों की उम्र 51 से 61 के बीच थी, इन लोगों ने 25 साल तक एक ही काम किया।



शोध में यह निकला कि, जो लोग कठिन मानसिक क्रिया वाले कार्यों से जुड़े थे, उनकी याद्दाश्त क्षमता बाद में भी अच्‍छी थी, और जो लोग सरल काम कर रहे थे उनकी याददाश्त क्षमता अच्छी नहीं थी।



यह शोध पत्र शोध पत्रिका जर्नल ऑफ अक्यूपेशनल हेल्थ साईकोलॉजी में प्रकाशित हुआ।



source-alzheimers.org.uk

 

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