चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है, जो हर साल बारिश के मौसम में आ जाती है। मच्छरों से फैलने वाली ये बीमारी हर साल हजारों लोगों की जान लेती है। चिकनगुनिया एक संक्रामक रोग है, जो चिकनगुनिया नामक वायरस के कारण फैलता है। इस वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का काम एनोफिलिज नाम के मच्छर करते हैं। कई बार चिकनगुनिया के बुखार को लोग सामान्य बुखार समझकर नजरअंदाज करते रहते हैं, जिसके कारण ये बीमारी खतरनाक रूप धारण कर लेती है। सही समय पर इलाज न करवाने से चिकनगुनिया जानलेवा भी हो सकता है। आइए आपको चिकनगुनिया बुखार से जुड़ी जरूरी बातें बताते हैं।
चिकनगुनिया के बारे में जानें
- चिकनगुनिया बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या में धीरे-धीरे गिरती है और यह वायरस शरीर पर अचानक घातक प्रहार नहीं करता।
- जब तक इस वायरस के बारे में पता चलता है तब तक एडीस मच्छर द्वारा वायरस शरीर के अंगों खासकर जोड़ों में फैला चुका होता है।
- यदि आप चिकनगुनिया के चंगुल से बचना चाहते हैं तो समय-समय पर एतिहायत बरतते हुए डॉक्टर्स से रूटीन चेकअप जरूर करवाएं।
बच्चों और बूढ़ों को ज्यादा खतरा
चिकनगुनिया वायरस का खतरा बूढ़े लोगों और छोटे बच्चों को ज्यादा होता है क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। यह बीमारी न सिर्फ किडनी और लिवर में विकार पैदा करती है, बल्कि मस्तिष्क में समस्याएं भी पैदा कर सकती है। छोटे बच्चे इस तरह के वायरस का सामना करने के लिए सक्षम नहीं है ऐसे में उनकी जान पर भी बन सकती है।
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चिकनगुनिया के लक्षण
- जोड़ों में लगातार दर्द
- तेज बुखार और शरीर में दर्द
- तेज थकान और आलस
- जल्दी-जल्दी प्यास लगना
- मिचली
- उल्टियां
- ठंड लगना
- शरीर पर चकत्ते
कैसे फैलता है चिकनगुनिया
शरीर को कमजोर, निर्बल बनाने में इस वायरस की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस वायरस के दौरान रोगी कुछ भी काम करने में समर्थ नहीं रहता।जब कोई चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो बीमारी के वायरस 'रेब्डो' व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट हो जाते हैं।- 'रेब्डो' वायरस शरीर में पहुंचकर अपनी संख्या बढ़ाते हैं। धीरे-धीरे संख्या काफी बढ़ जाती है। ये वायरस रक्त के जरिये शरीर में फैल जाते हैं और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। एक से बारह दिन के अंदर वायरस सक्रिय हो जाता है।
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