आमतौर पर हम रक्तचाप की जांच एक ही हाथ में करते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों हाथों में रक्तचाप की जांच करना दिल की छुपी हुई बीमारियों के बारे में पता लगाने में मदद कर सकता है।
एक ताजा शोध के मुताबिक यदि दोनों हाथों के रक्तचाप में अधिक अंतर होता है, तो यह दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है। इस शोध में कहा गया कि जिन लोगों के दोनों हाथों का रक्तचाप एक दूसरे से बहुत अलग होता है उनमें हृदयाघात, स्ट्रोक और दिल की अन्य जानलेवा बीमारियां होने का खतरा 38 फीसदी तक अधिक होता है, भले ही वे लोग शारीरिक रूप से फिट नजर आते हों।
रक्तचाप मापना सस्ता, सुलभ और आसान है और इससे रोगियों को अपने दिल की सेहत के बारे में काफी हद तक अंदाजा लग जाता है। यदि समय रहते उन्हें अपने हृदय स्वास्थ्य के बारे में पता चल जाए, तो वे जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाकर बड़े गंभीर खतरे को टाल सकते हैं। इससे कई जानें बचायी जा सकती हैं।
उच्च रक्तचाप दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को तीन गुना बढ़ा सकता है। इससे किडनी और आंखों को काफी नुकसान पहुंचता है। धीरे-धीरे इसका असर डिमेंशिया का कारण भी बन जाता है। हालांकि, अधिकतर मामलों में इसके लक्षणों पर लोगों की नजर ही नहीं जाती।
अमेरिका के हावर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने 40 वर्ष की आयु के ऊपर के 3400 स्वस्थ महिला-पुरुषों में यह शोध किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि दोनों हाथों के रक्तचाप में थोड़ा बहुत अंतर होना सामान्य बात है। शोध में यह बात सामने आयी कि सिस्टॉलिक प्रेशर, यानी ऊपर वाले दबाव के में पांच प्वाइंट्स का अंतर होना सामान्य है। लेकिन, दस फीसदी मरीजों में यह अंतर दस का था। ऐसे लोगों में अगले 13 वर्षों में हृदय रोग होने का खतरा 38 फीसदी अधिक था।
ऐसा माना जाता है कि यदि दोनों हाथों के रक्तचाप में अधिक अंतर हो, तो वसा के कारण उस हाथ की रक्तवाहिनियों में सही प्रकार से रक्त प्रवाह नहीं हो पा रहा है। और नसों में जमा यही वसा आगे चलकर हृदय रोग का कारण बन सकती है।
Source- DailyMail.com