खानपान की खराबी और जीवनशैली में व्यापक बदलाव के कारण लोगों में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। मोटापा खुद में एक समस्या है साथ ही साथ इसके कारण शरीर को ढेर सारे रोग घेर लेते हैं, जिनसे बचाव के लिए वजन घटाना जरूरी होता है। मोटापे के कई कारण हो सकते हैं जिनमें अनियंत्रित जीवनशैली और खानपान प्रमुख है। खानपान की अनियमितता से हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव के कारण शरीर का वजन और मोटापा बढ़ने या घटने लगता है।
कैसे प्रभावित करता है मेटाबॉलिज्म
मेटाबॉलिज्म से मोटापे के संबंध को समझने से पहले मेटाबॉलिज्म को समझ लीजिए। मेटाबॉलिज्म के द्वारा ही शरीर को ऊर्जा मिलती है क्योंकि इसी प्रक्रिया से गुजरकर हमारा आहार एनर्जी में बदलता है। काम के लिए तो हमारे शरीर को ऊर्जा की जरूरत पड़ती ही है। इसके अलावा आराम के लिए भी शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होती है। जब हम काम नहीं कर रहे होते हैं यानि आराम करते हैं तब भी शरीर के अंदर तमाम रसायनिक और भौतिक क्रियाएं चलती रहती हैं जैसे- सांस लेने की प्रक्रिया, ब्लड सर्कुलेशन, हार्मोन्स का लेवल ठीक रखना, सेल्स का निर्माण और वृद्धि आदि। मेटाबॉलिज्म की क्रिया के द्वारा ही शरीर को इन रसायनिक क्रियाओं के लिए आवश्यक ऊर्जा मिलती है। मेटाबॉलिज्म की ये क्रिया उम्र, लिंग और फिटनेस पर भी निर्भर करती है। अगर मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाए जानि सुस्त पड़ जाए तो शरीर में मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, थकान और डायबिटीज जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
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कैसे सुस्त होता है मेटाबॉलिज्म
शरीर का मेटाबॉलिज्म घटने के कई कारण हो सकते हैं। हाइपोथेडिज्म, असंतुलित और अस्वस्थ भोजन, एक्सरसाइज न करना, कुपोषण, एनीमिया और नींद की दवा लेना आदि कारणों से आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म सुस्त हो सकता है। मेटाबॉलिज्म के कारण शरीर को मोटापे के अलावा भी कई खतरे होते हैं। इनमें हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, हार्ट ब्लॉक, ब्रेन ट्यूमर, एडलीन आदि प्रमुख हैं।
मेटाबॉलिज्म और मोटापा
दरअसल बहुत से लोग मानते हैं कि शरीर का वजन बढ़ने और मेटाबॉलिज्म के घटने में संबंध होता है जबकि इसका कोई खास वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। कुछ मामलों में स्लो मेटाबॉलिज्म, वजन बढ़ने का कारण होता है लेकिन हर मामले में ऐसा नहीं होता है। कुछ लोगों को भ्रम होता है कि वो कुछ भी खाते हैं तो उनका वजन बढ़ने लगता है इसलिए वो डायटिंग शुरू कर देते हैं। अब जब डायटिंग के बावजूद उनका वजन बढ़ता है तो उन्हें लगता है कि कुछ भी खाने से उनका वजन बढ़ रहा है। जबकि सच्चाई ये है कि डायटिंग का सही तरीका न पता होने के कारण लोग शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व भी नहीं लेते हैं जिसके कारण शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है इसलिए मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। मेटाबॉलिज्म स्लो होने के साथ-साथ कई लोगों में डायटिंग के साथ वजन भी बढ़ने लगता है इसलिए उन्हें लगता है कि वो कुछ भी खाते हैं तो उनका वजन बढ़ता है।
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कैसे ठीक करें मेटाबॉलिज्म
मेटाबॉलिज्म अगर ठीक नहीं होता तो शरीर को कई गंभीर रोगों से खतरा रहता है इसलिए इसे तेज करने के लिेए विटामिन्स और मिनरल्स से भरा आहार लेना जरूरी है। इसके लिए आप प्रोटीन युक्त फिश, अंडा, अंकुरित चने, मोठ, चिकन, चावल, दूध या दूध से बनी चीज़े, सोया मिल्क या पाउडर के साथ-साथ फलियां, मेवा, बींस, इत्यादि का सेवन कीजिए।
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