ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को अल्जाइमर रोग होने की आशंका कम रहती है। ब्रिटेन में हाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार स्तनपान कराने से अल्जाइमर होने का खतरा कम हो जाता है। जो महिलाएं लंबे समय तक अपने शिशुओं को स्तनपान कराती रहती हैं उनको अल्जाइमर होने का खतरा न के बराबर रह जाता है।
दरअसल अल्जाइमर बातों को भूलने की बीमारी है। आधुनिक जीवनशैली में अल्जाइमर होने का कारण ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और सिर में चोट लगना आदि है। अल्जाइमर डिजीज पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक अल्जाइमर रोग की वजह स्तनपान से जुड़े जैविक प्रभाव भी हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में इन्सुलिन को सहन करने की क्षमता कम हो जाती है। यह स्तनपान कराने से बढ़ जाती है और अल्जाइमर के विकार में मस्तिष्क में इन्सुलिन के पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो जाती है। ब्रिटेन में 81 महिलाओं पर किए गए अध्ययन पर आधारित आंकड़ों के मुताबिक स्तनपान और अल्जाइमर के खतरे के बीच एक जैसा संबंध देखा गया है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की मुख्य शोधकर्ता मॉली फॉक्स ने कहा कि अल्जाइमर संज्ञान से जुड़ा सबसे बड़ा विकार है और इससे 3.56 करोड़ लोग प्रभावित हैं। फॉक्स ने यह भी आशंका जताई कि भविष्य में यह बीमारी निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में फैल सकती है। इसलिए इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए कम लागत और उच्च गुणवत्ता वाली रणनीति विकसित करनी चाहिए।
इससे पहले हुई शोधों में इस बात का पता चला था कि स्तनपान से महिलाओं में कुछ अन्य तरह की बीमारियों के खतरे कम हो सकते हैं।
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