मां का दूध बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। कई शोधों से यह साफ हो चुका है कि ब्रेस्ट फीडिंग मां और शिशु दोनों के लिए ही लाभकारी है। अब एक नए शोध से पता चला है कि जो बच्चे स्तनपान करते हैं उनका बड़े होकर एचआईवी से ग्रस्त होने का खतरा कम होता है।
एचआईवी एक खतरनाक रोग है, वैज्ञानिक इसके उपचार के लिए काफी समय से नई खोज कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने पहली बार पता लगाया कि मां के दूध में एक प्रोटीन पाया जाता है, जो बच्चों को एचआईवी वायरस के खतरे से बचाता है। इस प्रोटीन का नाम टेनएस्किन-सी या टीएनसी है।
नया शोध के भविष्य में एचआईवी के उपचार की दवा बनाने में भी मददगार साबित होने की उम्मीद है। ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि मां के दूध में पाया जाने वाला टीएनसी प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व एचआईवी वायरस से बचाव करते हैं।
अध्ययन करने वाले सेलई परमार ने कहा कि कई दवाएं मां से बच्चे में जाने वाले दुष्प्रभावों के असर को कम करती हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हालांकि हर महिला को एचआईवी की समस्या नहीं होती। परमार ने कहा कि यह अपने आप में इस तरह की पहली शोध है जिसमें एचआईवी और मां के दूध के बारे में बताया गया है।
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