मैमोग्राफी के लिए डाक्‍टर को कब सम्पर्क करें

स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए हर महीने अपने स्तनों की जांच करवाएं। मैमोग्राफी की मदद से स्पष्ट कर सकते हैं कि ब्रेस्‍ट में कैंसर है या नही।
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मैमोग्राफी के लिए डाक्‍टर को कब सम्पर्क करें


मैमोग्राफी मुख्‍यतया ब्रेस्‍ट कैंसर के निदान के लिए किया जाता है। यदि ब्रेस्‍ट कैंसर की आशंका है और आपको अपने स्‍तनों किसी प्रकार का कसाव या गांठ दिखे तो मैमोग्राफी कराना चाहिए। यह बहुत ही साधारण प्रक्रिया है जिसमें दर्द नही होता। जो महिलाएं स्‍तन कैंसर से प्रभावित हैं उनको मैमोग्राफी की जरूरत होती है। सामान्‍यतया यह उम्रदराज महिलाओं के लिए है लेकि‍न अनियमित लाइफस्‍टाइल और खान-पान के कारण के कारण 40 साल से भी कम उम्र की महिलाएं इसका शिकार हो रही हैं।

मैमोग्राफी ब्रेस्‍ट कैंसर के लिए स्क्रीनिंग परीक्षण किया जाता है। हर स्क्रीनिंग में कैंसर की पुष्टि होना निश्चित नहीं है। स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए हर महीने अपने स्तनों की जांच करवाएं। मैमोग्राफी की मदद से स्पष्ट कर सकते हैं कि ब्रेस्‍ट में कैंसर है या नही। लेकिन यदि आप अपने स्‍तनों में गांठ महसूस कर रहे हैं तो निश्चित नही है कि वह ट्यूमर ही हो।

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डॉक्‍टर को कब संपर्क करें -

  • यदि आपको अपने स्‍तनों में कोई दिक्‍कत या परेशानी महसूस हो रही है तो डॉक्‍टर से संपर्क कर सकते हैं।
  • ब्रेस्‍ट में गांठ होने का आभास हो तो चिकित्‍सक से संपर्क करें, हो सेकता है यह ट्यूमर हो।
  • स्‍तन अगर संकुचित हो रहे हों चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।
  • चिकित्‍सक से संपर्क करने से पहले खुद से स्‍तनों की जांच कीजिए।
  • इसके लिए शीशे के सामने खड़े होकर दोनों स्‍तनों का टेस्‍ट कीजिए।
  • अगर दोनों स्‍तनों में असमानता हो तो चिकित्‍सक को इस बारे में बताइए।
  • ब्रेस्‍ट में गांठ या तरल पदार्थ का एहसास हो तो मैमोग्राम के लिए चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।
  • 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मैमोग्राफी बहुत जरूरी है क्योंकि उनमें स्तन कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
  • जो महिलाएं मोटी होती हैं या जो महिलाएं चिकनाई युक्त आहार का सेवन करती हैं, उन्हें खासतौर पर मैमोग्राफी करानी चाहिए।

 

मैमोग्राफी के फायदे -

मैमोग्राफी उम्रदराज महिलाओं को नियमित रूप से कराना चाहिए। इससे ब्रेस्‍ट कैंसर का पता चलता है। अगर स्‍तनों में छोटी से छोटी गांठ है तो मैमोग्राम के जरिए डिटेक्‍ट हो जाता है। मैमोग्राफी कराने से स्‍तन कैंसर होने से बचा जा सकता है। इसके अलावा अगर आप ब्रेस्‍ट कैंसर के शुरूआती अवस्‍था में हैं तो अन्‍य टेस्‍ट की तुलना में इससे ब्रेस्‍ट कैंसर का पता चल जाता है।

आजकल लाइफस्‍टाइल और खान-पान के कारण कम उम्र की महिलाएं भी स्‍तन कैंसर का शिकार हो रही हैं। इसलिए मैमोग्राफी केवल उम्रदराज महिलाओं के लिए नही है। अगर आपके स्‍तनों में असमानता है तो मैमोग्राफी अवश्‍य करायें।

Image Source : Getty

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