अच्छा स्वास्थ्य अच्छे पाचन तंत्र की देन होता है। हम जो भी खाते हैं, उसे सही रूप से शरीर में पहुंचाने का काम हमारा पाचन तंत्र ही करता है। पाचन तंत्र खाने को एनर्जी के रूप में बदल कर शरीर को पोषण और शक्ति प्रदान करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। पाचन तंत्र में गड़बड़ी होने से हम जो भी खाते हैं, उसे सही से पचा नहीं पाते। इसके कारण शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल नहीं मिल पाते और शरीर में हानिकारक तत्व बढ़ने लगते हैं। और हमारा इम्यून सिस्टम भी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। लेकिन हम कई बार हम स्वाद-स्वाद में बहुत ज्यादा खा लेते हैं। उस समय तो हमें पता नहीं चलता, लेकिन बाद में पछताना पड़ता है। जब हमारा पेट इस खाने को हजम नहीं कर पाता तो हमें अपच, एसिडिटी, कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ता है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखें आयुर्वेंद
पाचन तंत्र अपनी तय की गई समय सीमा के अनुसार चलती है और इस समय सीमा के कारण हमें दिन के अलग-अलग पहर में भूख लगती है। खाने के बाद हमारा पचान तंत्र अपना काम करना आरंभ करता है तथा जैसे ही उनका काम खत्म होता है वह अगली क्रिया प्रारंभ करने के लिए मस्तिष्क को संकेत भेजता है। अगर इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो जाये तो इससे पाचन क्रिया में बाधा उत्पन्न होने लगती हैं। लेकिन घबराइए नहीं क्योंकि आयुर्वेदिक चिकित्सा से आप अपनी पाचनक्रिया को तीन दिन में फिर से दुरुस्त कर सकते हैं। आयुर्वेदिक डाइट टिप्स हमारे पाचन तंत्र को ठीक करके उसे पहले की तरह कार्यशील बना देती है।
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पहला दिन
पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए आप पहले दिन अपने दिन की शुरुआत नाश्ते से करें, और सुबह उठने के थोड़ी देर बाद कम से कम दो गिलास पानी लें। और उठने के 1 से 2 घंटे के बाद नाश्ता कर लें। फिर दोपहर में खाना खायें। लेकिन ध्यान रहें कि खाने में चटपटी चीजों को शामिल न करें। और रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले खा लेना चाहिए। और रात के खाने के लगभग आधे घंटे के बाद 2 गिलास गुनगुना पानी लें। पहले दिन आपका सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना सामान्य होना चाहिए और रात को जरूरत के हिसाब से खायें, यानी रात का खाना हैवी नहीं होना चाहिए।
दूसरा दिन
दूसरे दिन पाचनक्रिया को फिर से नियमित करने के लिए आपको इसकी गति को धीमा करना होगा। इसलिए दूसरे दिन आप खाना कम और लिक्विट चीजें ज्यादा लें। इसके लिए आप पूरे दिन में 3 से 4 गिलास जूस लें और हल्का खाना जैसे दाल और खिचड़ी ही लें। पानी और नींबू पानी का अधिक सेवन करें, क्योंकि यह पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करती है। इस दौरान अपना मन शांत रखें और साथ ही सुबह-शाम वॉकिंग भी करें।
तीसरा दिन
आयुर्वेदिक डाइट टिप्स के अंतिम दिन में आपको अपनी पाचनक्रिया को सामान्य कार्यशीलता पर वापस भेजना होता है। इसलिए उठने के 1-2 घंटे के बाद नाश्ता कर लें क्योंकि उठने के बाद ज्यादा देर खाली पेट रहने से भी पाचन क्रिया को नुकसान होता है। और फिर दोपहर का खाना खाएं। दोपहर के खाने के बाद सीधे रात का खाना खाएं। नाश्ते से लेकर दोपहर के खाने तक व दोपहर के खाने से लेकर डिनर के बीच कुछ ना खाएं। डिनर को सोने से 2 घंटे पहले खा लें। और ध्यान रहें डिनर की मात्रा दोपहर के खाने से कम होनी चाहिए।
ऐसा तीन दिन करने से आपकी पाचनक्रिया अपनी सामान्य गति पर पहुंच जाती है। यह क्रिया आपको स्वयं भूख का अहसास करायेगी। आयुर्वेद के नियम के अनुसार सुबह उठने के 1 या 2 घंटे के बाद नाश्ता करना, समय पर दोपहर का भोजन खाना व सोने से दो घंटे पहले रात का भोजन खाना। ये सारे आयुर्वेदिक डाइट टिप्स आपके पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। इस डाइट टिप्स को पाचन क्रिया के खराब होने पर अपना सकते हैं।
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