मसल्स बनाने की चाहत युवाओं में एक पैशन की तरह देखने को मिलती है। सिक्स एब्स पैक पाने के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। वे इसके लिए सप्लीमेंट लेने से गुरेज नहीं करते।
एथलीट्स, बॉडी बिल्डर्स या वो सभी जो एक आइडियल बॉडी चाहते हैं उन्हें सच्चाई की ओर ध्यान देना चाहिए। बिना जाने क्रियेटिन या प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने के बहुत से साइड इफेक्ट हो सकते हैं, इस तरह सप्लीमेंट लेने की सलाह कोई डाक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट कभी नहीं देता है।
इसे भी पढ़ें: तेजी से मसल्स बनाने के उपाय
प्रोटीन सप्लीमेंट और मसल्स
- एक मजेदार तथ्य यह है कि हमारे रोज के खाने में हमें क्रियेटीन नहीं मिलती लेकिन इसकी थोड़ी सी भी अधिक मात्रा से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- मांस, मछली और पोल्ट्री से हमें क्रियेटीन मिलता है, लेकिन कुछ कंपनियां प्रोटीन सप्लीमेंट्स बनाती हैं। व्यायाम करने वाले लोगों को ज्यादा मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है, इसलिए लोग इस तरह के सप्लीमेंट्स पर निर्भर हो जाते हैं।
- प्रोटीन सप्लीमेंट्स को हेल्दी डायट के साथ ना लेने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। एक्सपर्टस ऐसा मानते हैं कि अगर हमारे खाने,पीने में प्रोटीन की मात्रा संतुलित हो तो हमें प्रोटीन सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं होती।
- ऐसा माना जाता है क्रियेटिन एथलेटिक परफॉर्मेंस को बढ़ाता है और मसल्स को बनाने में भी मदद करता है। अगर आप लम्बे समय तक स्वस्थ्य रहना चाहते हैं तो आपको प्रोटीन सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करने से पहले उनके प्रभाव को जान लेना चाहिए।
- विज्ञान ने ऐसा सिद्ध कर दिया है क्रियेटीन स्पोर्टस और वेटलिफ्टिंग में उपयुक्त ताकत देता है।
- यह आरबीसी को बनाने में मदद करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और बालों को मजबूत बनाने के साथ-साथ त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है, लेकिन इनको अधिक मात्रा में लेने से होने वाले नुकसान भी कम नहीं है।
इसे भी पढ़ें: शाकाहारी खाने से भी बना सकते हैं मजबूत मसल्स
टॉप स्टोरीज़
क्रियेटीन के गलत प्रभाव
वाटर रिटेंशन
एथलीट को फास्ट मूव करना होता है और क्रियेटिन वाटर रिटेंशन की कैपेसिटी को कम करता है। इसलिए इसके प्रयोग से बचना चाहिए।
ब्लड शुगर लेवल
क्रियेटिन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ता है जो कि डायबिटिक्स या एथलीट्स के लिए ठीक नहीं होता है।
लीवर पर प्रभाव
प्रोटीन की ज्यादा मात्रा लीवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं, फिर चाहे वह सोयाबीन या किडनी बीन्स ही क्यों ना हों।
- स्टेरोएड्स की सेल्स का भी कोई अंत नहीं है। अथॉरिटीझ लोगों मे जागरूकता फैलाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं लेकिन यह एथलीट्स और आम जनता पर निर्भर करता है कि वह इसे किस तरीके से लेते हैं।
- इन फैक्ट्स को जानने के बाद लोगों को इन सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करने से पहले एक बार अच्छे से सोच लेना चाहिए। इन्हें पावडर, टैबलेट या कैप्सूल के फार्म में लेना नुकसानदायी होता है।
- प्रोटीन सप्लीमेंट्स की मदद से बॉडी बनाकर अपने दोस्तों को जलाना या अपनी प्रेमिका को इम्प्रेस करना कोई सही रास्ता नहीं है। शायद कुछ समय तक आपको ये सब अच्छा लगे लेकिन इसके होने वाले दुष्प्रभाव लम्बे समय तक प्रभावित कर सकते हैं।
Read More Articles on Sports And Fitness in Hindi