कृत्रिम प्रकाश में अधिक समय तक रहना, आहार की तुलना में वज़न बढ़ने का ज्यादा बड़ा कारण हो सकता है। ऐसा हम नहीं बल्कि नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के एक अधिवेशन के दौरान कहा गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार मोटापा सिर्फ भोजन से जुड़ा नहीं है। तो क्या ज्यादा कृत्रिम रोशना में रहने पर भी हम मोटे हो सकते हैं? चलिये विस्तार से जानें कि कृत्रिम प्रकाश और मोटापे के बीच संबंध से जुड़े क्या तथ्य हैं और कैसे कृत्रिम प्रकाश मोटापे का कारण बन सकता है।
शोधकर्ताओं ने भी पाया इसका प्रभाव
नेदरलेंड्स स्थित लेदिन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के सैंडर कोएमोन और उनके सहयोगियों के अनुसार कृत्रिम प्रकाश में अधिक समय तक रहने से शरीर की वसा जलने वाली प्रक्रियाओं (जोकि सामान्यतौर पर अंधरे में होती हैं) में बाधा पैदा होती है।
वहीं एक और अध्ययन से पता चला कि सोते समय कमरे में बहुत अधिक रोशनी होना महिलाओं में वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। लंदन स्थित इंस्टीट्यूट आफ कैंसर रिसर्च के प्रोफेसर एंटनी स्वेर्डलॉ के अनुसार अन्हें अध्ययन में रोशनी और मोटापे के बीच के संबंध बेहद पहेलीनुमा नजर आए। इस अध्ययन में 40 साल की 113,000 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया। स्वीरडलॉ के मुताबिक उपापचय की प्रक्रिया शरीर में चक्रिय लय से प्रभावित होती है जो कि सोने, जागने और रोशनी से पूरी तरह से संबंधित है।
वहीं ब्रिटेन के ब्रेकथू्र ब्रेस्ट कैंसर में रीसर्च ऑफिसर मैथ्यू लैम ने कहा कि नई खोज जानवरों पर किए गए अध्ययन के नतीजों को बल देता है, जिसमें यह दिखाया गया कि रोशनी, सिरकैडियन लय और उपापचय किसी न किसी रूप से एक-दूसरे से संबंधित हैं। गौरतलब है, यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ एपीडेमिलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
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