एलर्जी का कारण बन सकते हैं पालतू जानवर, ये हैं 5 वजहें

आपका पालतू जानवर आपके बच्‍चे के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
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एलर्जी का कारण बन सकते हैं पालतू जानवर, ये हैं 5 वजहें

पालतू जानवर छोटे बच्चों तथा बड़े बच्चों दोनों के लिए ही हानिकारक हो सकते हैं। यह बहुत ही अच्छा निर्णय होगा अगर आप अपने पांच साल से कम उम्र के बच्चे और पालतू जानवर के बीच संपर्क को बहुत ही सीमित कर दे। पालतू जानवर रखने के कुछ हानिकारक प्रभाव के बारे में जानने के बाद आपको यह निर्णय लेने में आसानी होगी की आपको पालतू जानवर रखना चाहिए की नहीं।

चोट 

सारे पालतू जानवर आपको काट सकते हैं या आपको खरोंच सकते है। कुछ कुत्तों की जाति  जैसे की बीगल और लेब्रेडोर बच्चों के साथ मिलजुल कर रहते हैं जबकि अन्य प्रजाति जैसे की रोत्वीलर और दमल्शियन आक्रमक हो सकते हैं और उनका बच्चों के साथ बर्ताव के बारे में आप नहीं बता सकते हैं। विशेषकर बाद वाली प्रजाति में बहरापन होने की सम्बहव्ना ज्यादा होती है और वे बहुत ही आक्रमक हो जाते हैं जब वे सुन नहीं पाते हैं। और जैसा की बिल्ली और बिल्ली के बच्चों के साथ है बच्चे जाने अनजाने में उन्हें खरोंचने और काटने के लिए उकसा सकते हैं अगर वे उन्हें बहुत कसकर पकड़ेंगे या उनकी पूँछ को दबाएंगे। सबसे अच्छी तरह पाले गए जानवर में भी रक्षात्मक प्रतिउत्तर जगाया जा सकता है। विदेशी पालतू जानवर जैसे की हेम्स्टर और गिनी पिग भी चुटकी काटने के लिए माने जाते हैं और इनके छोटे आकार की वजह से इनके साथ शरारत आसानी से हो सकती है जिसकी वजह से वे भी आक्रमक हो सकते हैं।

संक्रमण

आपका पालतू जानवर आपको बहुत सारे संक्रमण कराने वाले जीव दे सकता है। इस संक्रमण के मरीज़ सबसे ज्यादा बच्चे होते हैं क्योंकि वे पालतू जानवर से खेलने के बाद अपने हाथ अपने मुंह में डाल लेते है। सबसे आम रोग में आते हैं केट स्क्रेच फीवर जो की बार्तोनेला हेन्सले जीवाणु द्वारा फैलता है। इसके लक्षणों में आते हीं बुखार, सिरदर्द और ताकत में कमी होना। रेबीज भी एक चिंता का कारण बन सकता है। यह बिल्ली या कुत्ते या अन्य विदेशी प्रजातियों की वजह से भी हो सकता है। चिडियाँ भी निमोनिया और पैरट फीवर करा सकती हैं जो की उनके पिंजड़े से जीवाणु को सांस के द्वारा अंदर लेने से होता है। समुद्री कछुओ से साल्मेनोलोसिस हो सकता है जो की आपमें दस्त और रक्त में संक्रमण करा सकते हैं।

साफ सफाई

साफ़ सफाई की बात का संक्रमण से सीधे रिश्ता होता है। प्राय पालतू जानवर से जो संक्रमण का स्रोत होता है वो होता है उनका मल और मूत्र। कुत्ते और बिल्लियों का इस सूची में पहला नाम होता है क्योंकि वे सबके मनपसंद पालतू जानवर होते है और इसी के साथ वे कई परजीवी जैसे की रिंग वोर्म, राउंड वोर्म और अन्य दस्त करने वाले जीवाणुओ के वाहक होते हैं। बिल्ली की मूत्र में अमोनिया का उच्च स्तर आपके बच्चे में दमे को बढ़ा सकता है या उसमे कोई शवासन समस्या करा सकता है। अगर आपके पालतू जानवर को घर में खुला घूमने दिया जाए और उसमे बाहर टट्टी करने की आदत ना डाली जाए तो आपके बच्चे में गंभीर संक्रमण होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

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एलर्जी 

जानवरों के बाल दमा, सायनस में संक्रमण और अन्य एलर्जी जैसे की खुजली त्वचा पर चकत्ते पढ़ना शुरू कर सकते  हैं। यह बच्चों  में होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि उन्हें पालतू जानवर को प्यार करने और उनउन्हें चुम्बन देने की ज्यादा आदत होती है। अगर आपका बच्चा कोई लक्षण नहीं दिखाता है तो भी आपको सतर्क रहना है की आपके बच्चे में कभी भी एलर्जी विकसित हो सकती है। आपको अपने बढते हुए बच्चे की भविष्य की समस्याओं पर भी ध्यान देना है। एक बार अगर आपके बच्चे में एलर्जी बन गयी तो आपके बच्चे में संक्रमण होने की संभावना बहुत बढ़ जायेगी जब भी उसका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर पडेगा।

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