5 तरह की होती है एलर्जी, जानें इसके कारण लक्षण और उपचार

एलर्जी तब उत्पन्न होती है, जब शरीर किसी पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। लापरवाही बरतने पर एलर्जी मामूली से कठिन समस्या बन सकती है। वह पदार्थ जिसके कारण शरीर में प्रतिक्रिया होती है, एलर्जन कहलाता है। आइए जानते हैं एलर्जी के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां ...
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5 तरह की होती है एलर्जी, जानें इसके कारण लक्षण और उपचार


अपने जीवन काल में लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी एलर्जी की समस्या से ग्रस्त होता है। एलर्जी तब उत्पन्न होती है, जब शरीर किसी पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। लापरवाही बरतने पर एलर्जी मामूली से कठिन समस्या बन सकती है। वह पदार्थ जिसके कारण शरीर में प्रतिक्रिया होती है, एलर्जन कहलाता है। आइए जानते हैं एलर्जी के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां...

एटॉपिक डर्मेटाइटिस

एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी एलर्जी का एक प्रकार है, जिसमें त्वचा में सूजन आ जाती है। यह एलर्जी बचपन में ज्यादा होती है। उम्र बढ़ने के साथ इसकी तीव्रता कम हो जाती है।

ऐसे पहचानें

इस मर्ज के लक्षणों में दर्द, खुजली, छाले पड़ना, छाले फूटकर पानी निकलना, जलन होना, मुंह के कोनों का फटना, बार-बार त्वचा का संक्रमण आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

प्रमुख कारण

एटॉपिक डर्मेटाइटिस के प्रमुख कारकों में पर्यावरण प्रदूषण, रासायनिक प्रदूषण और धूम्रपान प्रमुख हैं। मौजूदा फैशन के दौर में प्लास्टिक की चीजें व कॉस्मेटिक के प्रयोग जैसे नकली आभूषण, बिंदी, परफ्यूम और पाउडर, साबुन आदि का इस्तेमाल बढ़ गया है। इन पदार्र्थों के संपर्क में आने पर भी एलर्जी हो जाती है।

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यह है इलाज

त्वचा की नमी बढ़ाने वाले मरहम और खुजली कम करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। एलर्जी से होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबॉयोटिक्स का भी इस्तेमाल किया जाता है।

नाक की एलर्जी

एलर्जिक राइनाइटिस या नाक की एलर्जी विशेष रूप से पराग कणों के कारण मौसम बदलने के दौरान होती है। इससे नाक के वायुमार्ग में सूजन आ जाती है और छींकें, नाक में खुजली व पानी और नाक का बंद हो जाना जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। एलर्जी की वजह से साइनस में सूजन आ जाती है जिसे हम साइनुसाइटिस कहते हैं। बच्चों में एलर्जी की परेशानी यदि लंबे समय तक बनी रहती है तो कान बहना, कान में दर्द, कम सुनना, बहरापन जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। हमारे शरीर की संरचना के हिसाब से नाक, कान और गला आपस में किसी न किसी माध्यम से जुड़े होते हैं। इसलिए इनमें से किसी में भी संक्रमण होने या सूजन आने पर सभी पर असर होता है।

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दमा

यह मर्ज भी अधिकतर एलर्जी के कारण  होता है। दमा में व्यक्ति की सांस की नलियां (ब्रॉन्काई) पैदाइशी रूप से अति संवेदनशील होती हैं। एलर्जी के तत्वों  के संपर्क में आने पर इनमें सूजन व सिकुड़न आ जाती है, जिससे व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। वायु प्रदूषण, धूल, धुआं, गर्दा, सीलन व परागकण  एलर्जी उत्पन्न होने के प्रमुख कारण हैं, जो दमा (अस्थमा) को बढ़ावा देते हैं।

दमा रोगियों के प्रमुख लक्षण

छींक या खांसी आना,सांस फूलना, सीने में दर्द और गले से एक असामान्य आवाज आना दमा के प्रमुख लक्षण हैं। इस मर्ज के निदान के लिए फेफड़े की कार्यक्षमता की जांच (पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट) किया जाता है। इसका उपचार  डॉक्टर की सलाह से इन्हेलर चिकित्सा लेना है।

एलर्जिक कॅन्जंक्टिवाइटिस

आंखों में होने वाली एलर्जी को एलर्जिक कॅन्जंक्टिवाइटिस भी कहते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब एलर्जन आंख की उपरी सतह पर स्थिति झिल्ली कॅन्जंक्टिवा को प्रभावित करती है। इस एलर्जी के लक्षणों में आंखों से पानी आना, खुजली होना, आंखों में लालिमा, सूजन और जख्म होने को शामिल किया जाता है।

दवाओं से एलर्जी

दवाओं से एलर्जी बहुत व्यापक है, पर हर व्यक्ति के शरीर पर इसके अलग-अलग असर देखने को मिल सकते हैं। किसी व्यक्ति के शरीर पर चकत्ते और खुजली हो सकती है, वहीं हो सकता है दूसरे को कोई दिक्कत न हो। दवाओं के प्रति एलर्जी ज्यादा देखी जाती है। जैसे कुछ एंटीबॉयोटिक्स और पेनकिलर्स आदि के इस्तेमाल करने पर।

खाद्य एलर्जी

इस तरह की एलर्जी में हमारा प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यूनिटी सिस्टम) भोजन में शामिल किसी खास प्रोटीन के प्रति अतिसंवेदनशीलता प्रकट करता है। ऐसे खाने की थोड़ी सी मात्रा लेने से एलर्जी के लक्षण प्रकट होने लगते हैं।

एलर्जी का इलाज

  • दवाओं का सही व नियमित प्रयोग करना चाहिए।
  • कई प्रकार की दवाएं एलर्जी की प्रतिक्रिया को रोकने के लिए प्रयोग की जाती हैं।     
  • इम्यूनो थेरेपी से भी इलाज किया जाता है।

ऐसे करें बचाव

  • पालतू पशुओं के बाल, धूल के कण आदि से बचाव एलर्जी के उपचार का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
  • जिस खाद्य पदार्थ या माहौल से एलर्जी हो, उससे बचने का प्रयास करें।
  • रसायनों के संपर्क से बचना चाहिए।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ (जिनसे शरीर में एलर्जी होती है) से बचना चाहिए। यही फूड  एलर्जी का मुख्य इलाज है।

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