अपेंडिसाइटिस में क्यों होता है इतना दर्द?

अपेन्डिक्स जिसे आंत्र पुच्छ भी कहा जाता है, छोटी व बड़ी आंत के जोड़ पर मौजूद शहतूत के आकार का अंग होता है, इसका संक्रमण को अपेंडिसाइटिस कहते हैं। इसके होने पर पेट में काफी दर्द होता है।
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अपेंडिसाइटिस में क्यों होता है इतना दर्द?

अपेन्डिक्स जिसे आंत्र पुच्छ भी कहा जाता है, छोटी व बड़ी आंत के जोड़ पर मौजूद शहतूत के आकार का अंग होता है, इसका संक्रमण को अपेंडिसाइटिस कहते हैं। इसके होने पर पेट में काफी दर्द होता है। खुराक में मौजूद रेशों को पचाने के लिए अपेंडिक्स जरूरी होता है, लेकिन इंसानों के शरीर में ये किसी काम का नहीं, और शरीर में इसके न होने की स्थिति में भी सभी काम सुचारु रूप से चल सकते हैं।

 

Appendicitis in Hindi

 

अपेंडिसाइटिस क्यों और किसे होता है?

अपेंडिक्स में किसी चीज़ का फंस जाना या फिर संक्रमण हो जाना अपेंडिसाइटिस का कारण बनता है। हालांकि संक्रमण की वजह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने पर अंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया अपेंडिक्स तक जा पहुंच जाते हैं। और फिर यही अपेंडिसाइटिस या अपेंडिक्स में संक्रमण और सूजन का कारण बनते हैं। अपेंडिसाइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है लेकिन बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती है।

लक्षण

दो साल से कम उम्र के बच्चों में यह रोग बहुत कम होता है, लेकिन इसके बाद पच्चीस वर्ष तक की आयु के किसी भी स्त्री या पुरुष को ये समस्या हो सकती है, यह समस्या वृद्ध लोगों में कम होती है।

  • इससे प्रभावित व्यक्ति में शुरुआत में पेट में बीच के हिस्से में बार-बार तेज़ दर्द होता है। और फिर ये दर्द पेट में दाहिनी ओर उठने लगता है और कई बार तो असहनीय हो जाता है।
  • भूख कम हो जाना या उल्टियां होना भी इसके आम लक्षण हैं।
  • कब्ज़ या डायरिया फिर होना।
  • पेट दर्द की वजह से सुस्ती आना, चेहरा लाल होना आदि।

 

 

Appendicitis in Hindi



इसका सबसे स्पष्ट लक्षण है-पेट दर्द होना-ख़ासकर दाहिने हिस्से में। इसलिए,यदि पेट में बार-बार तेज़ दर्द हो रहा हो,तो डाक्टर से जांच करवा लें।

क्यों होता है इतना दर्द

इसमें सबसे पहले नाभि के आसपास दर्द महसूस होता है। यह दर्द अक्सर रात के आखिर में होता है। साथ ही दर्द के बीच मरोड़ भी उठती है, यह सामान्य शरीरिक प्रतिक्रिया के तौर पर भीतरी अवरोध को दूर करने के लिये उठती है। और फिर लगभग चार घंटे बाद दर्द पेट के दायें निचले भाग में पहुंच जाता है, दर्द की जगह अलग हो सकती है और यह इस अंग के बड़ी आंत के साथ पैदा हुई स्थिति पर निर्भर करता है। मगर दर्द पेट के दायें निचले हिस्से में ही सबसे ज्यादा होता है।  

उपचार

मरीज़ को असहनीय दर्द होने पर उसे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाना चाहिये। सात ही उसे कुछ भी खाने-पीने को नहीं देना चाहिये। स्थिति गंभीर होने पर अपेंडिक्स फूटने का डर भी रहता है, इसलिए बिना देर किए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। क्योंकि अपेंडिक्स फूट जाने की स्थिति में संक्रामक मवाद पूरे पेट में फैल सकती है और अंदरुनी सतह पर सूजन आ सकती है। इससे लंबे समय में बांझपन जैसे गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। इलाज के लिये एंटीबायटिक दवाएं और कभी-कभी पेनकिलर भी दी जाती हैं। अपेंडिक्स को शरीर से निकालने के बाद ज़्यादातर मरीज़ कुछ दिनों ही में ठीक हो जाते हैं। गौरतलब है कि आर्काइव्ज ऑफ सर्जरी जर्नल प्रकाशित हुए अध्ययन के अनुसार यह बीमारी फ्लू जैसे वायरस के संक्रमण से होती है।

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