टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए 5 फायदेमंद वर्कआउट्स

सिर्फ यही नहीं, कसरत करने से वज़न भी कम होता है, क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों को ओबेसिटी होने का रिस्क ज़्यादा होता है। इसलिए, आज हम आपको 5 ऐसी एक्सरसाइज़ बता रहे हैं, जो काफी आसान हैं और डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद।
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टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए 5 फायदेमंद वर्कआउट्स

डायबिटीज़ होने पर घबराए नहीं, बल्कि आगे के बारे में सोचें। हालांकि, यह काफी खतरनाक बीमारी है, लेकिन रेगुलर एक्सरसाइज़ और प्रॉपर डाइट फॉलो करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है। स्टडीज़ के मुताबिक, टाइप 2 डायबिटीज़ से जूझ रहे लोग इस बीमारी को हल्के में लेते हैं और अपनी जीवनशैली में कोई फिज़िकल एक्टिविटी नहीं करते। दरअसल, डॉक्टर के समझाने पर भी वो नहीं समझ पाते की वर्कआउट करने से इन्सुलिन तेज़ बनता है और ब्लड शुगर लेवल ठीक रहता है। सिर्फ यही नहीं, कसरत करने से वज़न भी कम होता है, क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों को ओबेसिटी होने का रिस्क ज़्यादा होता है। इसलिए, आज हम आपको 5 ऐसी एक्सरसाइज़ बता रहे हैं, जो काफी आसान हैं और डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद।

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1- वॉक करना

सैर करना एक ऐसी फिज़िकल एक्टिविटी है जो बेहद आसान है। आरामदायक जूते पहनकर सैर करें और देखें कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल होती है। टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों को हफ्ते में 3 दिन 150 मिनट के लिए सैर करनी चाहिए। आप चाहें तो ऐरोबिक्स एक्सरसाइज़ भी कर सकते हैं। वैसे, तेज़-तेज़ सैर करना जिसमें हार्ट रेट बढ़ता है, ऐरोबिक्स एक्सरसाइज़ का हिस्सा माना जाता है।

2- ताई ची

यह फिज़िकल एक्टिविटी सदियों पुरानी है और काफी फायदेमंद भी। इसमें 30 मिनट के लिए स्लो मूवमेंट्स होती हैं और इंसान काफी रिलेक्स्ड महसूस करता है। स्टडी के मुताबिक यह टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी ठीक है, क्योंकि इसे करने से स्ट्रेस कम होता है और टेंशन दूर होती है। सिर्फ यही नहीं, इंसान फिट भी रहता है। इससे बैलेंस भी बनता है और नर्व डैमेज का चांस भी कम होता है। अगर आप ताई ची नहीं कर सकते, तो कोई ओर बैलेंसिंग एक्सरसाइज़ करें, ताकि आपको गिरने का डर कम हो।     

3- वेट ट्रेनिंग

टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ इसीलिए ज़रूरी है, क्योंकि इससे मसल्स स्ट्रॉन्ग होती हैं। दरअसल, मसल्स मास कम होने से ब्लड शुगर लेवल बहुत मुश्किल से मेनटेन होता है। हफ्ते में कम-से-कम दो दिन वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ करें। आप चाहें तो इसे एक दिन करने के बाद अगले दिन रेस्ट कर सकते हैं और फिर तीसरे दिन वेट ट्रेनिंग कर सकते हैं। इसके हर सेशन में 5 से 10 अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज़ होती हैं, जिससे की आपका मसल्स मास बढ़ता है।      

4- योगा

कई स्टडीज़ में यह पाया गया कि अगर आपको डायबिटीज़ है, तो योगा आपके लिए काफी फायदेमंद है। इससे बॉडी का फैट कम होता है, इन्सुलिन रेजिस्टेंस से लड़ने में मदद मिलती है और नर्व फंक्शन भी इम्प्रूव होता है। योगा करने से स्ट्रेस लेवल भी कम होता है। आपको बता दें कि स्ट्रेस लेवल बढ़ने से ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ता है।

5- स्विमिंग

स्विमिंग भी ऐरोबिक वर्कआउट्स का हिस्सा है और टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए अच्छी एक्सरसाइज़ है, क्योंकि इससे ज्वाइंट्स पर प्रेशर नहीं पड़ता। ध्यान रहे कि डायबिटीज़ के मरीज़ों को फुट इंजरी अवॉइड करनी चाहिए। पैर पर छोटा सा कट भी भरने में टाइम लगा सकता है और इससे होने वाला इंफेक्शन काफी खतरनाक होता है। इसीलिए, पूल में जाने से पहले स्पेशल जूते पहनें।

 

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