Swine Flu: सर्दी-खांसी और बुखार हैं स्‍वाइन फ्लू के आम लक्षण, जानें अन्‍य संकेत और बचाव

स्‍वाइन फ्लू एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो मौसम के बदलने के साथ-साथ फैलती है। स्‍वाइन फ्लू भी बाकी फ्लू की तरह ही है, जिसमें सामान्‍यतौर पर बुखार, सिरदर्द जैसी बीमारियों से शुरूआत होती है। ऐसे में स्‍वाइन फ्लू के के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार संबंधी पूरी जानकारी होना आप सबके के लिए आवश्‍यक है। 
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Swine Flu: सर्दी-खांसी और बुखार हैं  स्‍वाइन फ्लू के आम लक्षण, जानें अन्‍य संकेत और बचाव


स्‍वाइन फ्लू एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो मौसम के बदलने के साथ-साथ फैलती है। स्‍वाइन फ्लू भी बाकी फ्लू की तरह ही है, जिसमें सामान्‍यतौर पर बुखार, सिरदर्द जैसी बीमारियों से शुरूआत होती है। ऐसे में स्‍वाइन फ्लू के के लक्षण, कारण, बचाव और उपचार संबंधी पूरी जानकारी होना आप सबके के लिए आवश्‍यक है। 

बीते कुछ वर्षों में स्वाइन फ्लू ने कुछ ही समय में पूरे देश में दहशत सी मचा दी थी। अस्पताल, मीडिया हाउस, एयरपोर्ट, सोशल गेट टुगेदर हो या आपका आफिस हो हर जगह स्वाइन फ्लू की ही चर्चा हो रही थी । ऐसे समय में आपके किसी सहकर्मी या मित्र को फ्लू भी होता, तो आपके अंदर स्वाइन फ्लू का डर बैठ जाता। जिसके चलते लोग ऐसी किसी भी खबर के सुनते ही मास्‍क का उपयोग करना शुरू कर देते। हालांकि बीते वर्षों की तुलना में आज लोगों के इसके बारे में अधिक जानकारी है लेकिन कई बार आधी अधूरी जानकारी भी घातक हो सकती है।  आइए हम आपको बताते हैं स्‍वाइन फ्लू के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में। 

स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। इसका वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक छींक, थूक या अन्य माध्यमों से तेजी से फैलता है। स्वाइन फ्लू के लक्षण भी अन्‍य फ्लू की तरह ही होते हैं, जिसमें रोगी को सर्दी-जुखाम, बुखार और सिरदर्द जैसी समस्‍या होने लगती है। बड़ो की तुलना में बच्चों को इस फ्लू का खतरा ज्यादा होता है। अगर किसी बच्चे या बड़े के गले में जलन हो, उसे सांस लेने में समस्या हो या लगातार कई दिनों तक बुखार आ रहा हो, तो उसे डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए क्‍योंकि यह सब स्‍वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। 

स्वाइन फ्लू के नाम का प्रयोग एक नए प्रकार के इंफ्लुएंजा को दर्शाने के लिए किया जाता है । हालांकि यह मूल रूप से सूअरों में पाया जाता है। यह वायरस आम तौर पर इंसानों में संक्रमित नहीं होता, लेकिन यह बीमारी उन लोगों को अपना शिकार बना सकती है जो सुअरों के नज़दीकी संपर्क या गंदगी में रहते हैं। 

स्‍वाइन फ्लू के लक्षण

स्‍वाइन फ्लू के वायरस बरसात में अति सक्रिय हो जाते हैं इसलिए इनसे बचने के लिए सुरक्षा के उपाय अपनाना और इनके लक्षणों को जानना भी अति आवश्यक है। आइए हम आपको स्‍वाइन फ्लू के कुछ लक्षण बताते हैं- 

  • मांसपेशियों में दर्द के साथ बुखार
  • गले में खराश के साथ दर्द और सूखी खांसी
  • अत्यधिक थकान
  • ठण्ड लगना या नाक निरंतर बहना
  • गले में खराश
  • कफ
  • सांस लेने में तकलीफ
  • भूख कम लगना
  • मांसपेशियों में बेहद दर्द
  • उल्टी या दस्त होना

स्‍वाइन फ्लू वायरस के संक्रमण की अवधि दो से पांच दिनों या फिर सात दिनों की हो सकती है। एक्‍सपर्टों के अनुसार, जिन इलाकों में बारिश अधिक होगी वहां स्वाइन फ्लू के केसेज़ के भी अधिक होने की सम्भावना बढ़ेगी। ऐसे में सुरक्षा ही बचाव है आइए यहां हम आपको कुछ स्थितियों के बारे में बताते हैं, जिनसे यदि आप या कोई गुज़र रहे हों, तो आपको अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है।

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  • आपने पिछले तीन सालों से अस्थमा का उपचार कराया है
  • आप गर्भवती हैं
  • आपकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है
  • आपके बच्चे की उम्र 5 साल से कम है

स्वाइन फ्लू का उपचार व बचाव के तरीके 

स्वाइन फ्लू का उपचार सामान्य फ्लू के जैसे ही किया जाता और ठंड, कफ, बुखार से बचने के लिए पैरासिटामाल या एंटीरेट्रोवायरल जैसी विषाणुरोधक दवाएं भी दी जाती हैं ।

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  • युवाओं में बुखार और ठंड से बचने के  लिए पैरासिटामाल दिया जाता है।
  • बच्चों को कभी कभी अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता होती है ।
  • 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन जैसी दवाएं नहीं देनी चाहिए। 

स्वाइन फ्लू से बचने के लिए सुरक्षा के उपाय अपनायें। ऐसी जगह जहां संक्रमण होने की सम्‍भावना है वहां मास्क लगाना ना भूलें। ऐसे जगहों में जाने से बचें, जहां स्वाइन फ्लू फैला हो या गंदगी हो। 

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