Single Mother Parenting Tips: आजकल सिंगल पेरेंटिंग का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है। कई बार महिलाएं तलाक के बाद बच्चों की जिम्मेदारी निभाती हैं तो कई बार बिना शादी किए ही बच्चे गोद ले लेती हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस सुमिता सेन, करिश्मा कपूर, अमृता सिंह जैसे स्टार्स सिंगल मदर के उदाहरण है। सिंगल मदर बनना किसी चैलेंज से कम नहीं है। सिंगल मदर होने के नाते एक महिला के कंधों पर बच्चे की सिर्फ भावनात्मक ही नहीं आर्थिक जिम्मेदारी भी आती है। ऐसे में आपको घर और बाहर दोनों जगह पूरा फोकस रखना होता है। काम काज के लिए आपको घर से बाहर भी जाना होगा, ऐसे में अगर बच्चा छोटा है तो उसका दूध, रेगुलर रूटीन, हाईजीन, स्कूल समेत कई बातों पर ध्यान देगा। इतना ही नहीं बच्चा क्या सीख रहा है, कैसे बात कर रहा है इन सब बातों का ध्यान आपको ही रखना होगा। अगर आप भी सिंगल मदर हैं या फिर बनने की प्लानिंग कर रही हैं तो आप आपको बताने जा रहे हैं इससे जुड़े कुछ खास रूल्स। जिन्हें फॉलो करके आप अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे सकती हैं।
सिंगल पेरेंटिंग के नियम क्या हैं?
1. हमेशा पॉजिटिव रहें
सिंगर मदर होने के कारण आपके पास दोहरी जिम्मेदारी होती है ऐसे में आपको हमेशा पॉजिटिव रहने की जरूरत होती है। आपका ऑफिस में दिन चाहे कितना भी बुरा क्यों न बीते, गुस्सा आए लेकिन आपको हमेशा ही शांत और पॉजिटिव रहना है। क्योंकि जब आप शाम को बच्चे के वापस आएंगे तो आपको उन्हें पूरा समय देना है। सिंगल मदर होने के नाते आपको हमेशा ये बात याद रखनी चाहिए कि आपके और बच्चे के बीच कोई तीसरा शख्स नहीं आएगा। इसलिए आप दोनों के लिए इतनी अच्छी बॉन्डिंग होनी चाहिए की वो आपके हर बात शेयर कर सके।
2. ना कहना है जरूरी
ये बात तो जग जाहिर है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा भावुक होती हैं। सिंगल मांओं के लिए भी यही सबसे बड़ी दिक्कत है। बच्चे की जिद्द के कारण सिंगल मां उन्हें न नहीं कह पाती है। इसका सबसे बड़ा साइड इफेक्ट ये होता है कि बच्चे की जिद्द बढ़ जाती है। इतना ही नहीं कई बार बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए रो देते हैं और मां उन्हें मनाने के लिए भी हां कह देती है। इस स्थिति में कई बार न चाहते हुए सिंगल मदर को अपने बच्चे की जिद्द माननी पड़ती है। इसलिए बच्चे की गलत बातों पर न करना बहुत जरूरी होता है।
3. बच्चे को वक्त दें
सिंगल मदर होने के नाते आपके पास माता-पिता दोनों की जिम्मेदारियां है। ऐसे में आपको उन्हें वक्त देना जरूरी है। अगर ऑफिस के काम में बहुत ज्यादा बिजी हैं, इसके बावजूद बच्चा जरूरत पड़ने पर आपको बुलाता है तो उस वक्त मौजूद रहें। इससे आपके और बच्चे के बीच प्यार का एहसास बढ़ेगा। इमोशनल फीलिंग्स में बच्चा न सिर्फ आपकी बातों को मानेगा बल्कि अनुशासन बढ़ाने की भी कोशिश करेगा, ताकि लोग उसकी मॉम की तारीफ करें।
4. टाइम मेनेजमेंट सिखाएं
किसी शख्स ने कहा कि जिसने कई डिग्रियां हासिल कर लीं, लेकिन टाइम मैनेजमेंट नहीं सीखा उसने जीवन में कुछ नहीं किया। बच्चे का स्कूल, ट्यूशन, खाना-पीना और खेलने का वक्त तय करें। बच्चे को समझाएं कि वक्त के अनुसार चीजें करने से ही भविष्य बेहतर बनेगा।