महिलाओं में ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) यानी अंडाशय के कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। ये महिलाओं को होने वाले कैंसर में से आठवां सबसे आम कैंसर है। साल 2018 में अंडाशय कैंसर के तीन लाख नए मामले सामने आए। आमतौर पर ये बीमारी 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में देखने को मिलता है, मगर अब इसकी चपेट में कम उम्र की लड़कियां भी आ रही हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में रहने वाली 15 साल की कहलिया को ओवेरियन कैंसर था, जो अब खतरे से बाहर हैं।
कहलिया बताती हैं कि, उनका पिछला एक साल काफी मुश्किलों भरा रहा। अब वह अपना और ज्यादा समय बर्बाद नहीं करना चाहतीं, रिकॉर्डिंग आर्टिस्ट बनने का उनका सपना एक साल पहले थम गया था, जब बेहद घबराई 14 साल की कहलिया ने पाया कि उनके शरीर में कई बदलाव हो रहे थे।
बीबीसी बातचीत में कहलिया कहती हैं कि "मेरा पेट वाकई बहुत बड़ा हो गया था, लेकिन मुझे लगा कि मैं बहुत मोटी हो रही हूं, फिर मैं कसरत करने लगी- दौड़-भाग, पुशअप्स आदि सब किया, पर कुछ काम नहीं आ रहा था" कुछ हफ्तों बाद कहलिया को अस्पताल ले जाना पड़ा, पता चला कि उन्हें अंडाशय का कैंसर है। तब वह सिर्फ 14 साल की थीं। डॉक्टरों को 5 किग्रा का ट्यूमर मिला। हालांकि कहलिया में अब सुधार हो रहा है, मगर उन्हें अगले 5 साल तक जांच कराने अस्पताल जाना होगा।
अंडाशय कैंसर का पता लगाना है मुश्किल
कम उम्र की लड़कियों और महिलाओं में ये मामले बढ़ रहे हैं। टीनएज कैंसर ट्रस्ट और कैंसर रिसर्च यूके का कहना है कि, 1990 के दशक की शुरूआत से 25 साल से कम उम्र की महिलाओं में अंडाशय कैंसर के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक, शुरूआती दौर में ओवेरियन कैंसर का पता लगा पाना मुश्किल होता है, क्योंकि उसके लक्षण साफ नहीं दिखते हैं- सूजन या पेट दर्द जैसा ही होता है।
अंडाशय कैंसर के कुछ प्रमुख कारण- Causes Of Ovarian Cancer
एक्सपर्ट की मानें तो टीनएजर में ओवेरियन कैंसर बहुत कम ही पाया जाता है। 20 साल से कम उम्र की महिलाओं में महज 2 प्रतिशत से भी कम है। ये ज्यादातर उन महिलाओं में पाया जाता है, जिनके बच्चे नहीं होते हैं। जिनका इंफर्टिलिटी का इलाज हुआ हो या जो गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हों या जिन्होंने बच्चे को अपना दूध न पिलाया हो। क्या ओवरी का कैंसर अनुवांशिक है?
अंडाशय कैंसर के शुरूआती लक्षण- Early Warning Signs Of Ovarian Cancer
ज्यादातर मामलों में, अंडाशय कैंसर का निदान तब तक नहीं किया जाता है जब तक कि यह एक उन्नत चरण में नहीं बढ़ जाता। वास्तव में, अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, लगभग 20 प्रतिशत मामलों का निदान प्रारंभिक चरण में किया जाता है। आमतौर पर, इसका कारण यह है कि अंडाशय कैंसर के लक्षण या तो रोग के प्रारंभिक चरण में स्पष्ट नहीं होते हैं या वे पेट और पाचन संबंधी समस्यों की तरह साधारण होते हैं।
इसे भी पढ़ें: ओवेरियन कैंसर में ट्यूमर को बढ़ने से रोकते हैं ये 5 फूड, इनके सेवन से खतरा होगा कम
अंडाशय के ट्यूमर के कारण होने वाले लक्षण कम गंभीर, गैर-खतरनाक स्थितियों से भ्रमित हो सकते हैं। यदि आप कुछ हफ्तों से अधिक समय तक लगातार लक्षणों का अनुभव करते हैं या अपने अंडाशय स्वास्थ्य में बदलाव को नोटिस करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर ऑफ अमेरिका के मुताबिक, कुछ शुरूआती लक्षण निम्नलिखित हैं:
- पेट फूलना, अपच या मतली।
- भूख कम लगना या पेट जल्दी भर जाना।
- श्रोणि या पीठ के निचले हिस्से में दबाव।
- बार-बार पेशाब आना या कब्ज की समस्या होना।
- मल त्याग में बदलाव।
- पेट का आकार बढ़ जाना।
- थकान या कम ऊर्जा महसूस होना।
- मासिक धर्म में परिवर्तन।
Read More Articles On Cancer In Hindi