ध्यान हमारे तन-मन दोनों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आपको भागदौड़ भरी जिंदगी में तनावमुक्त रहने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक आसान अभ्यास है। खासकर वह लोग, जो कि मानसिक समस्याओं से पीडि़त हैं, उनके लिए ध्यान इन समस्याओं से निपटने का एक प्रभावी तरीका है। ऐसा माना जाता है कि ध्यान आपको आंतरिक रूप से शांत करने और नकारात्मकता को खुद पर हावी होने से रोकने का एक तरीका है। ध्याल आज से नहीं, प्राचीन युग से किया जाने वाला एक अभ्यास है। जैसे-जैसे ध्यान यानि कि मेडिटेशन से लोग अधिक परिचित होने लगे और इस अभ्यास को करने लगे, वैसे-वैसे इससे जुड़े कुछ भम्र और गलत धारणाओं ने भी जन्म लिया। जिन पर कि अधिकतर लोग विश्वास करते चले गए। आइए अगर आप भी ध्यान करते हैं, तो यहां हम आपको इससे जुड़े कुछ मिथक बता रहे हैं।
1. एक शांत माहोल या मौन में ध्यान का अभ्यास करना चाहिए
ध्यान जरूरी नहीं कि मौन में बैठे। आप चलते हुए या वॉक करते हुए भी ध्यान कर सकते हैं। ध्यान के पीछे विचार यह है कि आप अपना पूरा ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित करें। इसका मतलब यह नहीं कि आप अकेले में बैठकर जप-तप करें। विपस्सना ध्यान, एक प्रकार का ध्यान है जिसमें प्राकृतिक सांस के साथ पूरी तरह से शामिल होना शामिल है, लेकिन सभी ध्यान आपको ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है।
इसे भी पढ़ें: तनाव को दूर करने समेत कई फायदों पहुंचाता है मंत्र ध्यान(Mantra Meditation), जानें करने की विधि और अन्य फायदे
टॉप स्टोरीज़
2. मन भटकने से ध्यान काम नहीं कर रहा
ध्यान करना, जितना देखने में आसान लगता है, उतना कोई आसान अभ्यास नहीं। शुरुआत में अपने विचारों में फंसना ठीक है। जितना अधिक आप ध्यान का अभ्यास करेंगे, उतना ही आप अपने विचारों में नहीं फंसेंगे। यह आपको समय के साथ अधिक शांत महसूस करने में मदद करेगा, लेकिन विचार गायब नहीं हो सकते हैं। इसलिए, जो लोग मानते हैं कि मन भटकना या मन में विचार आने का मतलब है कि ध्यान काम नहीं कर रहा, तो वह सरासर गलत हैं।
3. ध्यान करने के लिए बैठना जरूरी है
ऐसा जरूरी नहीं कि आपको ध्यान करने के लिए बैठना ही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आप वॉकिंग मेडिटेशन कर सकते हैं, क्रॉस लेग करके बैठ सकते हैं, एक कुर्सी पर, एक सोफा पर या फिर एक बिस्तर पर - यह सब ठीक है। इसके अलावा, आप चाहें तो योग निद्रा में ध्यान कर सकते हैं। आपको बस इतना करना है कि अपनी गर्दन, कंधे और सिर को आराम देना है ताकि शरीर को अपने भीतर से जुड़ने की अनुमति मिल सके। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि वॉकिंग मेडिटेशन, उतना ही प्रभावी है जितना कि सही तरीके से बैठकर किया गया ध्यान।
इसे भी पढ़ें: तन-मन की शांति के लिए करें 'ज़ेन मेडिटेशन', शरीर और मन के सभी दुख-दर्द होंगे दूर
4. ध्यान करने में घंटे लगते हैं
बहुत से लोग सोचते हैं कि ध्यान करने के लिए आपको घंटों बैठना होगा और ध्यान करने के लिए खुद को पूरी तरह से बंद करना होगा, जो कि सच नहीं है। आप कम से कम 5 मिनट का ध्यान कर सकते हैं, यह आपको तुरंत मानसिक रूप से चार्ज करने में मदद कर सकता है। यदि आप सही तकनीक का पालन करते हैं, तो नियमित रूप से 15-20 मिनट का ध्यान करना ही काफी है।
इस तरह आप भी अगर ध्यान से जुड़ी इन मिथकों या किसी अन्य मिथक पर विश्वास करते हैं, तो उसपर यकीन करना बदं करें। ध्यान का मतबल सीधे-सीधे अपने मन से नकारात्मक विचारों को निकालने और मन को शांत करने के लिए अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से हैं।
Read More Article On Yoga In Hindi